क्या घर नहीं संभाल पा रहे हैं तो बिहार कैसे संभालेंगे?

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क्या घर नहीं संभाल पा रहे हैं तो बिहार कैसे संभालेंगे?

सारांश

क्या बिहार की राजनीति में हालिया घटनाक्रम ने राजद को कमजोर किया है? एनडीए नेताओं की बयानों के बाद तेजस्वी यादव और उनके परिवार की स्थिति पर चर्चा।

Key Takeaways

  • बिहार की राजनीति में परिवारिक विवादों का असर दिख रहा है।
  • एनडीए नेताओं ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाए हैं।
  • राजद के अंदर की स्थिति चिंता का विषय है।

नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और चप्पल से पीटने के आरोप ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। एनडीए नेताओं ने राजद नेता और रोहिणी के भाई तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया।

उनका कहना है कि जो परिवार नहीं संभाल सकता, वह बिहार जैसे राज्य को संभालने की बात कैसे कर सकता है?

रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि राजद की अराजकता अब परिवार के अंदर भी दिख रही है। ऐसे लोग जो अपने परिवार को नहीं संभाल सकते, वे बिहार को कैसे चला सकते हैं? पहले भाई, अब बहन। हालांकि, सिन्हा ने कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है, इस पर हम ज्यादा नहीं बोलेंगे, लेकिन यह मानसिकता उनके भविष्य को प्रभावित करेगी।

भाजपा नेता नीरज सिंह बबलू ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले पोस्टर में माता-पिता का फोटो गायब हुआ, फिर भाई ने घर छोड़ा, और अब बहन। तेजस्वी को पहले अपने परिवार को संभालना चाहिए, फिर बिहार संभालने की बात करनी चाहिए।

जेडीयू नेता मदन सहनी ने कहा कि लालू परिवार ने किसे नहीं अपमानित किया है? उन्होंने बिहार में 15 साल के शासन में भय का माहौल बनाया। अब बेटी का अपमान कर रहे हैं, जिसने उनकी जान बचाई। उन्हें भी रोते हुए घर से बाहर निकलना पड़ रहा है, तो इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति में हार का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए, मिलकर रहना चाहिए।

जनशक्ति जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष मदन यादव ने कहा कि यह गलत हो रहा है, जयचंद लोग सामने आ रहे हैं। 10 दिन के अंदर जयचंद खुद भागेंगे। हम सजग हो गए हैं। चुनाव में मिली हार पर कहा कि 90 प्रतिशत देन राजद की है। साथ ही यह भी कहा कि अगर किसी को सम्मान नहीं देंगे, तो भुगतना होगा।

जदयू नेता संजय सिंह ने कहा कि रोहिणी आचार्य बता रही हैं कि उन्हें चप्पल से पीटने का प्रयास किया गया। कहीं न कहीं घर में महाभारत चल रहा है, हार का ठीकरा कौन अपने सिर पर फोड़े? इसी कारण यह सब हो रहा है। बिहार की जनता को इस पारिवारिक कलह में नहीं उलझना चाहिए। तेज प्रताप पहले ही निकल चुके हैं।

बिहार में एनडीए की जीत पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र की जननी की भूमि बिहार में निवास करने वाले हर बिहारी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपना जनादेश दिया है। यह जनादेश स्पष्ट है। जो लोकतंत्र का हत्यारा है, वह लोकतंत्र में बाधा डालता है। संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करने वालों को यही सजा मिलती है। जाति के जहर की लहर का कहर अभी खत्म हुआ है, और उन्माद पैदा करने की मानसिकता पर भी चोट लगी है। अब अगर ये लोग नहीं सुधरेंगे तो राजनीति से समाप्त हो जाएंगे।

अखिलेश यादव ने कहा कि एनडीए की इतनी बड़ी जीत हजम नहीं हो रही। इस पर विजय सिन्हा ने कहा कि ये परिवारवादी लोग हैं। राजनीति को अपनी जागीर समझते हैं, इसलिए उनकी परेशानी स्वाभाविक है।

बिहार चुनाव के बाद अब अगली बारी बंगाल की है। विजय सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र की धरती ने जो संदेश दिया है, वह पूरे देश के लिए है। बंगाल के हर बंगाली निश्चित तौर पर बिहार के जनादेश के अनुसार मन में मिजाज बनाएंगे और बंगाल को घुसपैठियों से मुक्त करेंगे। बंगाल भारत का गौरव है और हर बंगाली उस गौरव को नष्ट करने वालों को सजा देगा।

Point of View

NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या तेजस्वी यादव का परिवार राजनीतिक विवादों में उलझा हुआ है?
जी हां, हाल में रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और आरोपों ने तेजस्वी यादव के परिवार को विवादों में डाल दिया है।
एनडीए नेताओं की टिप्पणियाँ क्या संकेत देती हैं?
एनडीए नेताओं का कहना है कि जो परिवार अपने मुद्दों को संभाल नहीं सकता, वह बिहार को कैसे संभाल सकता है।
बिहार की राजनीति में आने वाले चुनावों का क्या असर होगा?
आने वाले चुनावों में इस पारिवारिक कलह का असर राजनीतिक समीकरणों पर पड़ सकता है।
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