क्या टीएमसी और उसके नेता के लिए बाबरी मस्जिद बनाना आत्मघाती कदम होगा? : विनोद बंसल
सारांश
Key Takeaways
- टीएमसी का बाबरी मस्जिद निर्माण का निर्णय विवादास्पद है।
- विनोद बंसल ने इसे आत्मघाती कदम कहा।
- अयोध्या में बाबरी ढांचा गिर चुका है।
- ममता दीदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
- इस समारोह में 2 लाख लोगों की भागीदारी की उम्मीद है।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीएमसी के विधायक द्वारा पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद निर्माण की घोषणा पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि टीएमसी की हार की हताशा पहले से ही नजर आने लगी है।
विनोद बंसल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में बुरी तरह हारने वाली है। यह हार की हताशा है, जो पहले से ही योजना बना रहे हैं। शायद इन्हें नहीं पता कि बाबरी के नाम पर देश में कितना संग्राम हो चुका है।
उन्होंने कहा कि बाबरी ढांचा अयोध्या में धराशायी हो चुका है। 90 के दशक में पूरे भारत के हिंदू समाज का एक संकल्प था, जो था कि मंदिर वहीं, मस्जिद नहीं और बाबरी कहीं नहीं। इस संकल्प और नारे के साथ 62 करोड़ रामभक्तों ने रामजन्म भूमि के आंदोलन में भाग लिया।
विनोद बंसल ने कहा कि सबका संकल्प था कि मंदिर बनेगा तो वहीं बनेगा। मस्जिद वहां नहीं बनेगी और यह भी संकल्प था कि बाबरी के नाम पर हम भारत के किसी कोने में मस्जिद नहीं बनने देंगे। अगर पश्चिम बंगाल में ऐसा प्रयास होता है तो यह उस पार्टी और नेता के लिए आत्मघाती कदम होगा। मुझे आश्चर्य है कि ममता दीदी इस जाल में फंसती दिखाई दे रही हैं।
विनोद बंसल ने कहा कि बाबर मर गया, ढांचा गिर गया, मंदिर बन गया और अभी भी विदेशी आक्रांताओं के साथ आप खड़े होकर क्या दिखाना चाहती हैं। यह कदम उनकी राजनीतिक धरातल को रसातल में ले जाएगा।
बता दें कि टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने घोषणा की है कि मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया जाएगा। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि मस्जिद बनने में तीन साल लगेंगे। पिछले साल 12 दिसंबर को मैंने यही वादा किया था। इस समारोह में लगभग दो लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है और इस दौरान बनाए गए मंच पर 400 प्रमुख हस्तियां मौजूद होंगी।