क्या उमर अब्दुल्ला पहलगाम हमले के दोषियों को बचाना चाहते हैं? : कविंदर गुप्ता

सारांश
Key Takeaways
- कविंदर गुप्ता ने उमर अब्दुल्ला की आलोचना की है।
- पाकिस्तान से घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया गया।
- स्थानीय लोगों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
जम्मू, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला के हालिया बयानों को प्रदेश के हित के खिलाफ बताया है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कविंदर गुप्ता ने कहा, "फारुख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए तब क्या किया जब वे राज्य की सत्ता में थे। आज केंद्र सरकार के सहयोग से यहाँ विकास हो रहा है, आतंकवादी गतिविधियों में कमी आ रही है और कानून-व्यवस्था मजबूत हो रही है। उन्हें इस प्रक्रिया को बाधित करने वाला बयान नहीं देना चाहिए।"
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, "जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा कब मिलेगा? यह केंद्र का विषय है। इस पर देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अपनी बात रख चुके हैं। हाल ही में आपने देखा कि कुछ लोग पाकिस्तान से घुसपैठ करवा रहे हैं और आतंकियों को शरण दे रहे हैं। जब राज्य में आतंकवाद चरम पर था, तब कुछ ऐसे लोगों की भी भर्ती हुई थी, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल थे। अब उन पर कार्रवाई हो रही है। क्या मुख्यमंत्री चाहते हैं कि उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए?"
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पहलगाम हमले में किसी स्थानीय की कोई भूमिका नहीं है। इस पर पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बशीर अहमद और परवेज अहमद कौन थे? ये स्थानीय ही तो थे। इन्हीं की वजह से पहलगाम में यह हमला हुआ था। बिना स्थानीय लोगों के समर्थन के इतना बड़ा हमला नहीं हो सकता।
बिलावल भुट्टो ने भारत से सिंधु जल संधि पर विचार न करने की स्थिति में जंग जैसे शब्द का इस्तेमाल किया है। इसके जवाब में कविंदर गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने किस तरह 1965, 1971 और कारगिल की लड़ाई में मुंह की खाई है, यह बिलावल भुट्टो अच्छी तरह जानते हैं। हाल ही में पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने सिर्फ २५ मिनट में क्या किया था, यह सबको पता है। अगर वह अब भी नहीं सुधरते हैं, तो पाकिस्तान नाम का शब्द दुनिया के नक्शे से हट जाएगा।