क्या यूपी विधानसभा का मानसून सत्र सदन को सुचारू रूप से चलाने में सफल होगा?

Click to start listening
क्या यूपी विधानसभा का मानसून सत्र सदन को सुचारू रूप से चलाने में सफल होगा?

सारांश

उत्तर प्रदेश के विधानसभा सत्र की शुरुआत में अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन की सुचारू संचालन की जिम्मेदारी सभी सदस्यों पर डाली। वे 2047 तक विकसित भारत के संकल्प पर चर्चा की बात कर रहे हैं। क्या यह सत्र वास्तव में जनता की समस्याओं को हल करने में मदद करेगा?

Key Takeaways

  • सदन की सुचारू संचालन सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है।
  • 2047 तक विकसित भारत के विजन पर चर्चा होगी।
  • सदन में जनता की समस्याओं को उठाना अनिवार्य है।
  • सभी दलों ने सहयोग का वादा किया है।
  • विकास और जनता की अपेक्षाएँ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।

लखनऊ, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाना सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है।

सतीश महाना ने कहा, "2047 तक विकसित भारत के संकल्प पर नॉनस्टॉप चर्चा होगी। हमारे पास विजन है, इसलिए हम चर्चा करना चाहते हैं। आगे भी विजन पर चर्चा होगी, बिना विजन के विकास संभव नहीं है।"

पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में चर्चा परिचर्चा के माध्यम से जनता की समस्याओं को उच्च पटल पर रखना और जनता की अपेक्षाओं को पूरा करके उन्हें इसका हिसाब देना चाहिए। यह लोकतंत्र का मंदिर है, और सभी की अपनी-अपनी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "मुझे इस बात की प्रशंसा है कि रविवार की सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने विधानसभा सत्र को सुचारू रूप से चलाने का वादा किया है। विधानसभा में चुने हुए प्रतिनिधियों के बीच बातचीत होती है। सरकार की सोच है कि जनता के बीच इस चर्चा को लेकर जाएंगे और जनता से भी सुझाव मांगे जाएंगे। विधानसभा सत्र सुचारू रूप से चलाने के लिए मैं सभी से सहयोग की अपेक्षा करता हूं, क्योंकि जनता का हित इसमें है।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि सरकार ने सभी को साथ लेकर प्रदेश को विकास के मामले में नंबर एक पर लाने का काम किया है।

यूपी विधानसभा में 24 घंटे के सत्र में सपा के शामिल नहीं होने पर उन्होंने कहा कि सपा सिर्फ हल्ला करने वाली पार्टी है। उनके पास कहने को कुछ नहीं है। वो सदन में प्रतिभाग करेंगे तो उन्हें कुछ कहना पड़ेगा, लेकिन उनके पास कुछ कहने को नहीं है।

मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा, "समाजवादी पार्टी के नेताओं को अपने कमरों से बाहर निकलकर देखना चाहिए कि कैसे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने उत्तर प्रदेश में विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।"

बता दें कि इस बार ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा होनी है। वहीं, प्रदेश की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने 24 घंटे के सत्र में शामिल होने से मना कर दिया है।

Point of View

यूपी विधानसभा का सत्र उन चुनौतियों को उजागर करता है, जो लोकतंत्र में चर्चा और सहभागिता की आवश्यकता को दर्शाता है। यह सत्र न केवल विकास के मुद्दों को उठाने का अवसर है, बल्कि यह विपक्ष के प्रति जनता की अपेक्षाओं को भी स्पष्ट करता है।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस सत्र का मुख्य उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के विजन पर चर्चा करना और जनता की समस्याओं को सदन के समक्ष लाना है।
सपा ने सत्र में भाग क्यों नहीं लिया?
सपा ने 24 घंटे के सत्र में भाग लेने से मना कर दिया है, जिसके पीछे उनके विचार और रणनीतियाँ हैं।
सदन में चर्चा की प्रक्रिया क्या है?
सदन में चर्चा परिचर्चा के माध्यम से होती है, जहाँ सभी सदस्यों को अपनी राय व्यक्त करने का अवसर मिलता है।