क्या उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह विफल हो गई है? शिवपाल सिंह यादव का बयान

सारांश
Key Takeaways
- शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
- सरकार को स्कूलों में उचित प्रबंधन करना चाहिए।
- भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।
- प्राइमरी विद्यालयों का मर्ज होना बच्चों की शिक्षा पर असर डाल सकता है।
- लोकतंत्र की अवहेलना पर चिंता जताई गई है।
मैनपुरी, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने मोहर्रम के अवसर पर भाग लिया। इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि मोहर्रम को इमाम हुसैन की शहादत के दिन के रूप में मनाया जाता है। साथ ही, उन्होंने राज्य में प्राइमरी स्कूलों के मर्जिंग आदेश पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से विफल है।
शिवपाल ने यूपी सरकार के प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने के निर्णय पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित प्रबंधन करना चाहिए, लेकिन अध्यापकों के लिए समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है। प्राइमरी स्कूलों में गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए उचित प्रबंध किए जाने चाहिए। अगर प्राइमरी विद्यालयों को मर्ज कर दिया गया तो बच्चों के लिए दूर-दराज के स्कूलों में जाना संभव नहीं होगा। उन्होंने भाजपा की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि गरीब बच्चों को भाजपा सही शिक्षा नहीं देना चाहती।
प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनावों के संदर्भ में शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी जिला पंचायत चुनाव और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भाग लेगी, लेकिन ग्राम सभाओं के चुनाव को स्थानीय संगठन पर छोड़ देगी।
वहीं, प्यू रिसर्च द्वारा भारत को लोकतांत्रिक देशों में दूसरे स्थान पर रखने के संदर्भ में शिवपाल ने कहा कि हिंदुस्तान सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकतंत्र की अवहेलना कर रही है। भाजपा विपक्ष को खत्म करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाएगी। लोकसभा चुनाव में धोखाधड़ी हुई, भाजपा निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देती है, लेकिन हमारे गठबंधन ने 42 सीटें जीती हैं। देश में तानाशाही ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएगी।