क्या विपक्ष एसआईआर के नाम पर देश को गुमराह कर रहा है? - केशव प्रसाद मौर्य
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है।
- केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- यह अभियान लोकतंत्र को मजबूत बनाता है।
- जनता को गुमराह नहीं होना चाहिए।
- सही जानकारी से ही सही निर्णय लिया जा सकता है।
प्रयागराज, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एसआईआर के मुद्दे पर राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि ये लोग देश को गुमराह करने के लिए भ्रामक बयान दे रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "देश की सबसे बड़ी अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि बीएलओ पर कार्य का बोझ अधिक है, तो राज्य सरकार को और मैनपावर उपलब्ध करानी होगी। मैंने स्वयं एसआईआर का फॉर्म भरा है और बीएलओ से चर्चा की है; ऐसा कुछ नहीं है, सभी लोग सहजता से कार्य कर रहे हैं।"
उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और ममता बनर्जी के लगातार गैर-जिम्मेदाराना बयानों पर भी टिप्पणी की। एक ओर तो उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को एसआईआर के आंदोलन में लगा रखा है और दूसरी ओर इसका खुला विरोध कर रहे हैं। इनका एकमात्र उद्देश्य है कि देश की जनता को गुमराह करना।
केशव प्रसाद मौर्य ने जनता से अपील की कि वे इनकी बातों में न आएं और एसआईआर में सहयोग करें। इससे देश में सही चुनाव हो सकेंगे और दूसरी जगह से आने वाले लोग मतदान नहीं कर पाएंगे, जिससे सही सरकार चुनने का अवसर केवल देश की जनता को मिलेगा। मतदाता सूची शुद्धिकरण का यह अभियान लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर की गई टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "बिहार चुनाव परिणामों के बाद राहुल गांधी ने वहाँ एक तालाब में डुबकी लगाई थी और उसके बाद भी उन्हें केवल छह विधायक ही मिले। 2020 के चुनावों में जीतने वाले उनके कई विधायक इस बार हार गए। उस हार के बाद से ही राहुल गांधी और अखिलेश यादव सहित कई नेता निराश हैं, इसलिए वे ऐसे बेतुके बयान देते रहते हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं बस इतना कहूंगा कि रूस के राष्ट्रपति, जो भारत के सबसे अच्छे और सबसे विश्वसनीय मित्र हैं, भारत आए हैं, और हम उनका स्वागत करते हैं।"
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि भारत के संबंध सबके साथ हैं। विपक्ष का नेता एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। भारत का हम भी प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष के लोग बाहरी लोगों से मिलें। ऐसा करके सरकार परंपरा की अनदेखी कर रही है।