क्या विपक्षी पार्टियां रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के मुद्दे पर लड़ाई लड़ रही हैं? जगदंबिका पाल
सारांश
Key Takeaways
- विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से मतदाता सूची का शुद्धीकरण होगा।
- भाजपा सांसद जगदंबिका पाल का आरोप है कि विपक्षी पार्टियां अवैध प्रवासियों के पक्ष में हैं।
- ममता बनर्जी ने इसे अराजकता का मुद्दा बनाया है।
सिद्धार्थनगर, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद जारी है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को भाजपा का आयोग करार देने पर राजनीतिक बयानबाजी को और तेज कर दिया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने बुधवार को कहा कि विपक्षी पार्टियां रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।
भाजपा सांसद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "ममता बनर्जी द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में दिया गया बयान अराजकता को बढ़ावा देने वाला है। वह बौखलाई हुई हैं। बिहार के चुनाव परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि यदि अवैध रूप से बने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मतदाता नहीं रहेंगे, तो पश्चिम बंगाल का परिणाम भी बिहार के परिणाम के समान होगा। ममता बनर्जी का बयान उनकी कुंठा को प्रदर्शित करता है।"
उन्होंने आगे कहा, "एसआईआर का तात्पर्य क्या है? यह लोगों को समझना चाहिए। यदि एसआईआर हो रहा है, तो इसका मतलब है कि मतदाता सूची का शुद्धीकरण हो रहा है। मतदाता सूची के शुद्धीकरण के लिए बीएलओ डोर टू डोर जा रहे हैं। सभी को 4 दिसंबर तक गणना फॉर्म भरना है। यदि किसी का नाम छूटता है, तो उसे आपत्ति जताने का मौका दिया जाएगा। भारत का कोई भी नागरिक मतदाता बनने का अधिकार रखता है, लेकिन यह अधिकार किसी विदेशी, बांग्लादेशी या रोहिंग्या को नहीं होगा।"
उन्होंने कहा, "आज विपक्ष जो लड़ाई लड़ रहा है, उसमें ममता बनर्जी, अखिलेश यादव या राहुल गांधी जैसे नेता रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।"
ममता बनर्जी ने एसआईआर के खिलाफ विरोध मार्च निकाला और इसे अराजक तथा धमकीभरा बताया। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा बंगाल में उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगी, तो वह पूरे देश में भाजपा की जड़ें हिला देंगी।