क्या ‘वोटर अधिकार यात्रा’ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है? - राशिद अल्वी

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क्या ‘वोटर अधिकार यात्रा’ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है? - राशिद अल्वी

सारांश

बिहार के सासाराम में शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा, जिसमें सभी विपक्षी दल एकजुट हुए हैं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी। जानें इस यात्रा के पीछे का उद्देश्य और इसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य लोकतंत्र की रक्षा करना है।
  • यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी।
  • सभी विपक्षी दल एकजुट होकर लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं।
  • यात्रा का समापन पटना में एक रैली के साथ होगा।
  • इस यात्रा का महत्व देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सशक्त बनाना है।

नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के सासाराम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में रविवार को आरंभ हुई वोटर अधिकार यात्रा को कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने एक महत्वपूर्ण लड़ाई बताया है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य लोकतंत्र की रक्षा करना है, जिसमें सभी विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं।

राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मुख्य लक्ष्य मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के तहत 65 लाख मतदाताओं के साथ हुए अन्याय को उजागर करना है। यह न केवल कांग्रेस की लड़ाई है, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है। सभी देशवासियों और विपक्षी दलों को एकजुट होने की आवश्यकता है।

यह यात्रा लोकतंत्र पर हो रहे हमलों के खिलाफ है। यह 16 दिनों तक चलेगी, जिसमें राहुल गांधी और इंडिया ब्लॉक के नेता, जैसे तेजस्वी यादव, मिलकर 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। 1 सितंबर को पटना में एक विशाल रैली के साथ इस यात्रा का समापन होगा।

अल्वी ने चेतावनी दी कि यदि बिहार में एसआईआर लागू होता रहा तो यह लोकतंत्र को समाप्त कर सकता है।

चुनाव आयोग की प्रेस वार्ता पर उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आयोग भाजपा और उनकी गठबंधन वाली सरकार के साथ खड़ा है।

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी की ओर से संघ की प्रशंसा किए जाने पर राशिद अल्वी ने कहा कि पीएम मोदी ने जिस लाल किले से भाषण दिया, वह मुगलों द्वारा बनाया गया था।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को लाल किले से संघ की तारीफ नहीं करनी चाहिए थी।

एनसीईआरटी के मॉड्यूल पर उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन के लिए जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया, लेकिन इस मॉड्यूल में महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका को नजरअंदाज किया गया।

कांग्रेस नेता के अनुसार, बंटवारे के दौरान मौलाना अबुल कलाम आजाद ने विभाजन का विरोध किया था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र की रक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। वोटर अधिकार यात्रा एक सामूहिक प्रयास है जो सभी विपक्षी दलों को एकजुट करता है। यह केवल कांग्रेस की नहीं, बल्कि पूरे देश की लड़ाई है। हमें एकजुट होकर इस दिशा में काम करना होगा।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में अनियमितताओं को उजागर करना और लोकतंत्र की रक्षा करना है।
यह यात्रा कितने दिन चलेगी?
यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और इसका समापन 1 सितंबर को पटना में होगा।
इस यात्रा में कौन-कौन शामिल है?
इस यात्रा में राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं।
क्या यह यात्रा राजनीतिक है?
हां, यह यात्रा राजनीतिक है और इसका उद्देश्य लोकतंत्र की रक्षा करना है।
क्या इस यात्रा का कोई विशेष प्रभाव पड़ेगा?
इस यात्रा का उद्देश्य जन जागरूकता बढ़ाना और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत करना है।