क्या लालू यादव परिवार संग गयाजी पहुंचे और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया?

सारांश
Key Takeaways
- लालू यादव और परिवार का गयाजी दौरा धार्मिक महत्व रखता है।
- पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान का आयोजन किया गया।
- तेजस्वी यादव ने बिहार के विकास के लिए प्रार्थना की।
- एनडीए सरकार के खिलाफ राजद ने तीखा हमला किया।
- लोगों की उम्मीदें एक असली सीएम की ओर बढ़ रही हैं।
गयाजी, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव और उनकी पत्नी तथा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मंगलवार को मोक्ष की भूमि के रूप में प्रसिद्ध गयाजी का दौरा किया। उन्होंने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए पूरे विधि-विधान के साथ पिंडदान किया।
इस अवसर पर उनके पुत्र और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी उनके साथ थे।
तेजस्वी यादव ने मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि वर्तमान में पितृ पक्ष चल रहा है। हम सभी परिवार एक साथ गयाजी आए हैं। यहां पिंडदान का विशेष महत्व है। पिता लालू यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उनकी इच्छा थी कि गयाजी में पूर्वजों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पिंडदान और विष्णुपद का दर्शन किया जाए। यही कारण है कि हम सभी परिवार यहाँ उपस्थित हैं। यह भूमि ज्ञान और मोक्ष की भूमि है।
उन्होंने आगे बताया कि उनके पिता ने पिंडदान और तर्पण किया है। भगवान विष्णु से प्रार्थना है कि उनकी कृपा बिहार के लोगों पर बनी रहे। बिहार को देश का सबसे अव्वल राज्य बनाने के लिए प्रयास किया जाए। हम चाहते हैं कि बिहार में उद्योग स्थापित हों, लोगों को रोजगार मिले, और बिहार भ्रष्टाचार और अपराध से मुक्त हो।
इस बीच, उन्होंने एनडीए सरकार पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता 'माई बहिन मान योजना' का फॉर्म भर रहे हैं जबकि सरकार के लोग उन्हें धमका रहे हैं। हम जो कहते हैं, वह करके दिखाते हैं। आज 'माई बहिन मान योजना' के दबाव में सरकार को 10 हजार रुपए बांटने पड़ रहे हैं। कई अन्य योजनाओं की भी घोषणा करनी पड़ी है।
राजद नेता ने सरकार को 'नकलची सरकार' करार देते हुए कहा कि यह नकल कर सकती है, लेकिन विजन नहीं ला सकती। सरकार के पास कोई स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है। इसलिए जनता कह रही है कि बिहार को अब एक असली सीएम चाहिए, न कि डुप्लीकेट।