क्या लिवर को डिटॉक्स कर फिट और फाइन रखा जा सकता है इन पांच योगासनों से?
सारांश
Key Takeaways
- लिवर की समस्याओं के लिए नियमित योगासन फायदेमंद हैं।
- आसन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
- ये आसन ऊर्जा का संचार करते हैं।
- प्रतिदिन 20-30 मिनट का अभ्यास करें।
- योगासन से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालें।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण लिवर की समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने लिवर को स्वस्थ, सक्रिय और डिटॉक्स रखने के लिए पांच विशेष योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी है।
मंत्रालय के अनुसार, त्रिकोणासन, धनुरासन, भुजंगासन, अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन और सलंब भुजंगासन का नियमित अभ्यास लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। ये आसन न केवल लिवर को डिटॉक्स करते हैं, बल्कि पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार भी करते हैं। इन पांचों आसनों का प्रतिदिन 20-30 मिनट अभ्यास से लिवर स्वस्थ रहेगा।
त्रिकोणासन लिवर के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसे करने के लिए ताड़ासन में खड़े हों। दोनों पैरों को 3-4 फीट दूर फैलाएं। दाएं पैर को 90 डिग्री बाहर और बाएं पैर को थोड़ा अंदर मोड़ें। दोनों हाथ कंधे की सीध में फैलाएं। अब दाईं ओर झुककर दाहिने हाथ से पैर या टखने को छूएं। बायां हाथ ऊपर रखें। 20-30 सेकंड रुकें, फिर दूसरी ओर दोहराएं। यह आसन लिवर और पेट के अंगों पर दबाव डालकर डिटॉक्स प्रक्रिया को तेज करता है।
धनुरासन पेट की चर्बी घटाने और लिवर को सक्रिय करने में सहायक है। जमीन पर पेट के बल लेटें। घुटनों को मोड़कर पैरों को हाथों से पकड़ें। सांस भरते हुए छाती और जांघों को ऊपर उठाएं, जिससे शरीर धनुष की आकृति में आ जाता है। 15-20 सेकंड रुकें। यह आसन लिवर पर हल्का मसाज करता है, जिससे विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और पाचन सुधरता है।
भुजंगासन लिवर की सूजन कम करने में कारगर है। पेट के बल लेटकर हथेलियां कंधों के पास रखें। सांस भरते हुए ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएं, कमर से नीचे का हिस्सा जमीन पर रहे। 15-20 सेकंड रुकें। यह आसन लिवर और पेट पर खिंचाव डालता है, जिससे रक्त संचार बढ़ता है और डिटॉक्स प्रक्रिया तेज होती है।
अर्द्ध मत्स्येन्द्रासन लिवर के लिए टॉनिक का काम करता है। जमीन पर बैठकर दाया पैर बाएं जांघ के बाहर रखें। बायां पैर दाएं घुटने के नीचे से निकालें। दाएं हाथ को पीठ के पीछे ले जाएं और बाएं घुटने को पकड़ें। मुड़कर 20-30 सेकंड रुकें। दूसरी ओर दोहराएं। यह आसन लिवर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में सहायक है और पाचन रसों को सक्रिय करता है।
सलंब भुजंगासन लिवर की सफाई का अंतिम चरण है। पेट के बल लेटकर कोहनियां मोड़ें, हथेलियां कंधों के पास रखें। सांस भरते हुए केवल छाती तक ऊपर उठें, सिर ऊपर रखें। 15-20 सेकंड रुकें। यह आसन लिवर पर हल्का दबाव डालकर उसकी कार्यक्षमता बढ़ाता है और पूरे पेट क्षेत्र को डिटॉक्स करता है।