क्या लोकसभा चुनाव की तरह बिहार में भी एनडीए के दावे होंगे फेल? महागठबंधन की सरकार बनेगी: प्रमोद तिवारी
सारांश
Key Takeaways
- प्रमोद तिवारी का दावा है कि एनडीए को हार का सामना करना पड़ेगा।
- महागठबंधन राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है।
- भाजपा की भविष्यवाणियाँ अक्सर गलत साबित होती हैं।
- बिहार की जनता ने महागठबंधन को समर्थन देने का मन बना लिया है।
- महागठबंधन ने रोजगार और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने यह दावा किया है कि इस बार एनडीए को चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। उनका मानना है कि एनडीए केवल 100 सीटों तक ही सीमित रह जाएगी।
बिहार के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को होने वाली मतदान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि एनडीए के नेताओं के चेहरों पर जो चिंता की रेखाएं हैं, वह स्पष्ट रूप से दिखा रही हैं कि पहले राउंड में एनडीए की स्थिति खराब होने वाली है।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में प्रमोद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पहले राउंड में अच्छे-खासे बहुमत के साथ सीटें जीतने जा रहा है। उन्हें पूरा यकीन है कि भाजपा ने जिस तरह नीतीश कुमार को नजरअंदाज कर सिंगल इंजन की सरकार चलाई, उससे एनडीए के लिए 100 सीटों का आंकड़ा पार करना मुश्किल होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर तिवारी ने कहा कि जब से वे आए हैं, उनके द्वारा की गई भविष्यवाणियाँ कभी सच साबित नहीं हुई हैं।
भाजपा पर तंज कसते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि देशवासियों को याद है, ‘अबकी बार 400 पार’, लेकिन लोकसभा चुनाव में क्या हुआ? 400 पार तो नहीं हुआ, बल्कि घटकर 240 पर आ गए। उसी तरीके से बिहार में भी एनडीए का प्रदर्शन लगभग वही होगा। वह कह रहे हैं न 160, तो आप देख लेना, वे 80-90 के आसपास आएंगे।
कांग्रेस सांसद ने कहा है कि बिहार की जनता ने मन बना लिया है कि अगली सरकार महागठबंधन की होगी। महागठबंधन युवाओं के रोजगार की बात कर रही है और जो वादे घोषणा पत्र में किए गए हैं, उन्हें सरकार बनने के बाद पूरा किया जाएगा।