क्या लोकसभा में अमित शाह के भाषण से राहुल गांधी घबराए हुए थे?
सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह की वोट चोरी पर प्रतिक्रिया
- राहुल गांधी का चुनावी सुधार पर सवाल
- लोकसभा में गर्म बहस
- एसआईआर पर विपक्ष का विरोध
- लोकतंत्र की सुरक्षा का प्रश्न
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बुधवार को संसद में वोट चोरी के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भाषण पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया दी।
संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "अमित शाह कल बहुत घबराए हुए थे, उन्होंने अनुचित भाषा का प्रयोग किया, उनके हाथ कांप रहे थे। उन्हें मानसिक दबाव महसूस हो रहा था, जो कल संसद में स्पष्ट था। मैंने जो बातें कहीं, उस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा, न ही कोई प्रमाण प्रस्तुत किया। मैंने कल उन्हें चुनौती दी कि आइए सदन में मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर चर्चा करें, पर कोई उत्तर नहीं मिला।"
चुनाव सुधार पर संसद में चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने मंगलवार को सरकार से तीन सवाल पूछे थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में इन सवालों का उत्तर दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीखा पलटवार करते हुए कांग्रेस पर 'वोट चोरी' के बेजा आरोप लगाने का आरोप लगाया और कहा कि चुनावी गड़बड़ियां जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के समय से चली आ रही हैं।
अमित शाह ने लोकसभा में विपक्षी पार्टियों को चेतावनी दी थी कि जो लोग एसआईआर का विरोध करेंगे, वे पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि तृणमूल कांग्रेस इस बिल का विरोध करती रही, तो पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत सुनिश्चित है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने एसआईआर पर झूठ फैलाने के लिए विपक्ष की निंदा की और प्रश्न उठाया कि यदि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री घुसपैठियों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं, तो क्या लोकतंत्र सुरक्षित रह सकता है।
अमित शाह ने कहा कि एसआईआर को लेकर केंद्र को घेरने की कोशिश करके विपक्ष को लगता है कि वह सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन असल में वह भारत के लोकतंत्र की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।
शाह ने कहा कि जब विपक्ष हारता है, तो वह चुनाव आयोग और वोटर लिस्ट को बदनाम करता है। भाजपा ने भी चुनाव हारी है, फिर भी उसने कभी चुनाव आयोग पर सवाल नहीं उठाया।