क्या लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एसआईआर जरूरी है? : गुलाम अली खटाना
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
- डबल मतदाता बनाना अनुचित है।
- केवल नागरिकों को मतदान का अधिकार है।
- वक्फ कानून पर विवाद बढ़ रहा है।
- भारत विकास के रास्ते पर है।
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने सोमवार को एसआईआर को लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसी सरकारें ‘डबल मतदाता’ बनाने की कोशिश कर रही हैं, जो कि अनुचित है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत में किसी को भी दोहरे मतदान की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां चुनाव आयोग स्वतंत्र है और अपने क्षेत्राधिकार से संबंधित फैसले ले सकता है। हमें समझना चाहिए कि देश का वोटर वही है, जो देश का नागरिक है। किसी बाहरी व्यक्ति को मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा। नए वोटर्स के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होगा।
सांसद ने कहा कि केवल देश के नागरिक को यहां मतदान का अधिकार दिया जा सकता है। जो लोग रोजगार के कारण दूसरे राज्यों में पलायन कर जाते हैं, उनका वोटर आईडी कार्ड एक ही राज्य में बनेगा। किसी भी व्यक्ति का दो वोटर आईडी कार्ड मान्य नहीं होगा। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है।
उन्होंने तेजस्वी यादव के उस बयान पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वक्फ कानून को ‘कूड़ेदान’ में फेंक देंगे। उन्होंने कहा कि यह एक अलग विषय है, लेकिन बिहार के लोग अब जंगलराज को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गुलाम अली खटाना ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब वैष्णो देवी बोर्ड बना था, तब भी विरोध हुआ था। लेकिन आज कई अस्पताल बनाए गए हैं। कांग्रेस पार्टी हमेशा चाहती है कि समाज का पिछड़ा वर्ग आगे न बढ़े।
उन्होंने चारा घोटाले के बारे में कहा कि अब देश में घोटालों का समय नहीं है। अब देश विकास की ओर बढ़ रहा है। पहले कई घोटाले हुए थे, लेकिन आज विकास की बयार बह रही है। हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कल्याणकारी योजनाएं अंतिम पंक्ति तक पहुंचें। बिहार के लोग अब प्रधानमंत्री मोदी के विकास के संकल्प में योगदान देना चाहते हैं।
उन्होंने सलमान खान के बयान पर कहा कि वह एक बड़े अभिनेता हैं, लेकिन पाकिस्तान की मानसिकता को लेकर उनके बयानों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है।