क्या लखनऊ अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में 4 दिसंबर तक रोक बनी रहेगी?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा लखनऊ में चल रहा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर को अगली सुनवाई तय की है।
- निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक बरकरार रहेगी।
- बोलने की आजादी की सीमाएं होती हैं, यह कोर्ट ने स्पष्ट किया।
- इस मामले से भारतीय सेना का सम्मान प्रभावित हो सकता है।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उस याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है, जिसमें उन्होंने भारतीय सेना पर दिए गए बयान को लेकर चल रहे मानहानि मुकदमे के समन को चुनौती दी थी। कोर्ट ने अगली सुनवाई 4 दिसंबर के लिए निर्धारित कर दी है। इस दौरान, निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई अंतरिम रोक बरकरार रहेगी।
यह मामला भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के एक बयान से संबंधित है। यात्रा के समय उन्होंने गलवान घाटी में 2020 में हुए भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की पिटाई की थी।
इस बयान पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने आपत्ति जताई और लखनऊ की एक निचली अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस बयान से भारतीय सेना की छवि को नुकसान पहुंचा है और यह अपमानजनक है।
इससे पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के समन को रद्द करने की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने राहुल को फटकार लगाते हुए कहा था कि बोलने की आजादी की भी कुछ सीमाएं होती हैं। सेना का अपमान कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं हो सकता।
सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान भी जजों ने राहुल के बयान पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि ऐसी बातें संसद में उठानी चाहिए, न कि सार्वजनिक मंचों पर। हालांकि, कोर्ट ने लखनऊ की अदालत में चल रहे मुकदमे पर तीन हफ्ते के लिए अंतरिम रोक लगा दी थी। अब यह रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।