क्या मध्य प्रदेश में वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना होगी?

Click to start listening
क्या मध्य प्रदेश में वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना होगी?

सारांश

मध्य प्रदेश सरकार ने वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना का निर्णय लिया है। यह केंद्र वानिकी विस्तार, उत्पादकता में वृद्धि और कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से स्थापित किए जाएंगे। इससे 48 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। जानिए इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में और क्या है इसके पीछे का उद्देश्य।

Key Takeaways

  • मध्य प्रदेश में 6 वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना होगी।
  • इसका उद्देश्य वानिकी और कृषि वानिकी को बढ़ावा देना है।
  • 48 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है।
  • मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया।
  • अशासकीय संस्थाएं भी केंद्र स्थापित कर सकती हैं।

भोपाल, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में विज्ञान केंद्रों के समान वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मंत्रि-परिषद ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक राज्य में 6 वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए 48 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।

इस स्वीकृति का उद्देश्य प्रदेश में वन क्षेत्र के बाहर वानिकी विस्तार गतिविधियों को बढ़ावा देना, वन भूमि की उत्पादकता में वृद्धि करना, काष्ठ के विदोहन से अतिरिक्त आय के साधनों के लिए जागरूकता बढ़ाना, वृक्ष खेती को प्रोत्साहित करना और कृषि वानिकी को बढ़ावा देना है। अशासकीय संस्थाओं द्वारा वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना, वन विभाग की अनुमति से की जा सकेगी।

मंत्रि-परिषद ने अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना के डूब प्रभावितों के लिए 1,782 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज स्वीकृत किया। इन परियोजनाओं के लिए डीपीआर में 1,656 करोड़ 2 लाख रुपए के अतिरिक्त 1,782 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है।

अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना कुल 5,512 करोड़ 11 लाख रुपए की है। इससे 71 हजार 967 हेक्टेयर की सिंचाई सुविधा और 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन का प्रावधान है। इन तीनों परियोजनाओं से कुल 13 हजार 873 परिवार प्रभावित होंगे, जिन्हें विशेष पैकेज के अनुसार निर्धारित मुआवजा प्रति परिवार 12.50 लाख रुपए दिया जाएगा। इसके अलावा 50 हजार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति परिवारों को अतिरिक्त राशि मुआवजा के रूप में दी जाएगी।

मंत्रि-परिषद ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना में 10 लाख या उससे अधिक लागत राशि के कार्यों को स्वीकृत करने की अनुमति दी। इसके अनुसार 693 करोड़ 76 लाख रुपए की लागत के लगभग 3810 कार्य पूर्ण किए जा सकेंगे।

मंत्रि-परिषद ने भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व मद में 90 करोड़ 67 लाख रुपए के बजट की स्वीकृति दी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2026-27 से वर्ष 2030-31 तक निरंतर रखने और योजना के तहत 905 करोड़ 25 लाख रुपए के व्यय की स्वीकृति दी गई।

मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन के विभिन्न विभागों में स्वीकृत स्थायी और अस्थायी पदों के विभेदीकरण को समाप्त करने के लिए स्वीकृति दी है। वर्तमान अस्थायी पदों को स्थायी में परिवर्तित करने के लिए सेवा भर्ती नियम में आवश्यक प्रावधान करने की स्वीकृति दी गई। कार्यभारित और आकस्मिक स्थापना के सभी पदों पर नवीन नियुक्ति न करने की भी अनुमति दी गई।

Point of View

वह न केवल राज्य की वानिकी गतिविधियों को बढ़ावा देगा, बल्कि इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और कृषि विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना का मुख्य उद्देश्य वानिकी विस्तार गतिविधियों को बढ़ावा देना और कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करना है।
कितने वन विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे?
राज्य में 6 वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
इस योजना के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है?
इस योजना के लिए 48 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
यह निर्णय किसकी अध्यक्षता में लिया गया?
यह निर्णय मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में लिया गया।
क्या अशासकीय संस्थाएं भी केंद्र स्थापित कर सकती हैं?
हाँ, अशासकीय संस्थाएं भी वन विभाग की अनुमति से वन विज्ञान केंद्र स्थापित कर सकती हैं।
Nation Press