क्या मध्य प्रदेश में घटिया कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों पर कार्रवाई हुई?

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क्या मध्य प्रदेश में घटिया कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों पर कार्रवाई हुई?

सारांश

मध्य प्रदेश में घटिया कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों पर कार्रवाई की गई है। तीन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, और उनके लाइसेंस रद्द किए गए हैं। यह कदम किसानों की सुरक्षा और फसल की गुणवत्ता के संरक्षण के लिए उठाया गया है। जानिए इस मुद्दे की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • मध्य प्रदेश में घटिया कीटनाशक के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
  • तीन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
  • किसानों की सुरक्षा और फसल की गुणवत्ता प्राथमिकता है।
  • केंद्र के कृषि मंत्री ने सख्त कदम उठाए हैं।
  • डीलरों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं।

भोपाल, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में लंबे समय से घटिया खाद, कीटनाशक और खेती रसायन बेचने की शिकायतें आ रही थीं। इसी दौरान खरपतवार नाशक के नमूनों की जांच में उनकी अमानक गुणवत्ता पाई गई, जिसके चलते तीन कंपनियों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, नकली कीटनाशक से संबंधित केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इनमें उल्लेख था कि क्लोरीम्यूरॉन एथिल नामक हर्बिसाइड का उपयोग करने से सोयाबीन की फसलें प्रभावित हुई हैं। केंद्रीय मंत्री के निर्देशन पर कृषि विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बाजार से हर्बिसाइड के नमूने जब्त किए और उनकी जांच की गई। जांच में हर्बिसाइड के नमूने घटिया पाए गए।

इसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश के तीन जिलों विदिशा, देवास और धार में दोषी कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जिन स्थानों पर खराब हर्बिसाइड की बिक्री हुई थी, वहां के डीलरों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने राज्य सरकारों को जब्त की गई हर्बिसाइड के नतीजे आने तक लाइसेंस निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, कंपनियों के बचे हुए स्टॉक की बिक्री पर भी रोक लगाने का सुझाव दिया है।

इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बैठक में कहा था कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने ऐसी व्यवस्था बनाई थी, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले थे। उन्होंने कहा कि किसानों की संतुष्टि ही हमारा मुख्य लक्ष्य है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह लगातार फील्ड में किसानों के बीच जाकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने नकली खाद-बीज और कीटनाशक के मुद्दे पर सख्त रवैया अपनाते हुए सख्त कानून बनाने की बात कही है। वे इस संबंध में सिलसिलेवार बैठकें कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को आकस्मिक छापेमारी के लिए निर्देशित किया है।

मध्य प्रदेश के रायसेन में जिस दवा के उपयोग से एक किसान की फसल बर्बाद हुई थी, उस मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई है और कंपनी का लाइसेंस निलंबित करने के लिए केंद्र के कृषि विभाग ने राज्य सरकार से अनुरोध किया है।

Point of View

और यह कदम निश्चित रूप से उनकी सुरक्षा और फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि ऐसे मामलों में सख्ती से निपटने से ही किसानों का विश्वास बढ़ेगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या कंपनियों पर कार्रवाई हुई?
हाँ, तीन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
किसान कीटनाशक की समस्या से कैसे प्रभावित हुए?
किसानों की फसलें घटिया कीटनाशक के कारण बर्बाद हुई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने क्या निर्देश दिए?
केंद्रीय मंत्री ने लाइसेंस निलंबित करने और सख्त कानून बनाने के निर्देश दिए।