क्या मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने किसानों के लिए सोलर पंप की क्षमता बढ़ाने का विकल्प दिया?
सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने सोलर पंप की क्षमता बढ़ाने का विकल्प दिया है।
- किसान अब उच्च क्षमता के पंप का चयन कर सकेंगे।
- 90 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
- इस योजना से सिंचाई में सुधार होगा।
- कृषक मित्र सूर्य योजना का कार्यान्वयन मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा किया जाएगा।
भोपाल, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत सिंचाई के लिए सोलर पंप की स्थापना में संशोधन किया गया है। किसानों को अब अधिक क्षमता वाले सोलर पंप का विकल्प उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में यह मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई।
मंत्रिपरिषद ने प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में संशोधन को मंजूरी दी है। इसके अनुसार, कृषकों को स्वीकृत सोलर पंप स्थापना की क्षमता से एक स्तर अधिक तक का विकल्प दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, 3 एच.पी. के अस्थायी विद्युत कनेक्शनधारियों को 5 एच.पी. और 5 एच.पी. के कनेक्शनधारियों को 7.5 एच.पी. का सोलर पंप लगाने का विकल्प दिया जाएगा।
योजना के पहले चरण में अस्थायी विद्युत कनेक्शन धारक किसानों तथा अविद्युतीकृत किसानों को सोलर पंप का लाभ मिलेगा। इस योजना के अनुसार, 7.5 एचपी क्षमता तक के सोलर पंप लगाने पर अस्थायी विद्युत कनेक्शन धारक का योगदान 10 प्रतिशत होगा, जबकि शेष 90 प्रतिशत सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत सरकार की कुसुम-ब योजना को मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से 24 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा। इसका कार्यान्वयन मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा किया जाएगा। इस निर्णय से सोलर पंपों की स्थापना के माध्यम से विद्युत पंपों को विद्युत प्रदाय के लिए राज्य सरकार पर अनुदान का भार कम होगा और विद्युत वितरण कंपनियों की वितरण हानियों में कमी आएगी।
मंत्रिपरिषद ने मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत गैर संस्थागत सेवा योजना जैसे स्पॉन्सरशिप, फॉस्टर केयर, आफ्टर केयर को अगले 5 वर्षों तक सभी जिलों में चलाने की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत पात्र बच्चों को 4 हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाएगी। 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले बच्चों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने राज्य के 12 जिलों में 50 बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों एवं बडवानी जिले में 30 बिस्तरीय चिकित्सालय के संचालन के लिए 373 पद एवं 806 मानव संसाधन सेवाएं ऑन कॉल की स्वीकृति दी है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें नियम 2025 को अनुमोदित किया गया है।