क्या महाअष्टमी पर पश्चिम बंगाल में भारी उत्साह है?

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क्या महाअष्टमी पर पश्चिम बंगाल में भारी उत्साह है?

सारांश

पश्चिम बंगाल में महाअष्टमी के दौरान देवी दुर्गा की पूजा में जोश और उत्साह की कमी नहीं है। श्रद्धालु पूजा पंडालों में उमड़कर मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं। इस साल 50 साल का जश्न मनाने वाले पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो रहे हैं। जानिए इस पवित्र पर्व का महत्व।

Key Takeaways

  • महाअष्टमी पश्चिम बंगाल में नवरात्रि का प्रमुख दिन है।
  • श्रद्धालु देवी दुर्गा की पूजा में भाग लेते हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
  • यह पर्व सामूहिकता और एकता का प्रतीक है।
  • भक्तों की भारी भीड़ से पूजा पंडाल सजते हैं।

कोलकाता, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में नवरात्रि का अत्यधिक महत्व है। नवरात्रि की महाअष्टमी पर मंगलवार को राज्य के विभिन्न भागों में देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना धूमधाम से हो रही है और पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। महिलाएं और पुरुष दोनों ही पूजा पंडालों में पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित कर मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं।

पूर्व मेदिनीपुर जिले के कंठी क्षेत्र में नंदन दुर्गोत्सव समिति के पूजा मंडप के आसपास भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। यहां के श्रद्धालु देवी के दर्शन के लिए निरंतर पहुंच रहे हैं। इस पवित्र अवसर पर पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी भी पूजा पंडाल में जाकर मां दुर्गा को नमन करेंगे।

बीरभूम जिले के रामपुरहाट में भी दुर्गा पूजा मंडपों में महाअष्टमी की पूजा अर्चना के लिए बड़ी भीड़ जमा हो रही है। यहां के मंदिरों और पूजा पंडालों में श्रद्धालु उत्साह के साथ देवी को प्रसाद अर्पित कर रहे हैं। मंदिरों में पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच भक्तगण सामूहिक रूप से मंत्र जाप कर पूजा में भाग ले रहे हैं।

कोलाघाट के पूजा मंडप गांव में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ रही है। यह दुर्गा पूजा पुलशिता गांव के ग्रामीणों की पहल पर आयोजित की जा रही है। ग्रामीण स्वयं मंडप की सजावट करते हैं। यह पूजा मंडप ग्रामीण परिवेश से युक्त है। महाअष्टमी के दिन सुबह से ही सैकड़ों लोगों की भीड़ दर्शन के लिए पहुंच रही है।

वहीं, पुरुलिया जिले में पूर्वी हुरा के सर्वजनिन दुर्गा पूजा पंडाल में भी महाअष्टमी की पूजा के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। इस पूजा मंडप की विशेषता यह है कि यह इस वर्ष अपने 50वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 50 वर्षों से यहां मां दुर्गा की भव्य पूजा हो रही है और हर साल इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

आयोजकों ने बताया कि हर शाम इस पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जो लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ धार्मिक माहौल को भी जीवंत बनाते हैं।

Point of View

बल्कि यह प्रदेश की सांस्कृतिक एकता और समर्पण का भी प्रतीक है। पश्चिम बंगाल में इस पर्व को मनाते समय सभी समुदाय एक साथ मिलकर इस पावन अवसर का आनंद लेते हैं। यह उत्सव न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक मेलजोल का भी माध्यम है।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

महाअष्टमी का क्या महत्व है?
महाअष्टमी नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा की पूजा का विशेष दिन होता है, जिसमें भक्त देवी के प्रति अपनी भक्ति प्रदर्शित करते हैं।
पश्चिम बंगाल में महाअष्टमी कैसे मनाई जाती है?
यहां महाअष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है, श्रद्धालु पूजा पंडालों में जाकर देवी को प्रसाद अर्पित करते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।