क्या महागठबंधन में बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारा नहीं हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की सीट बंटवारे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
- प्रतियोगी दलों ने नामांकन भरना शुरू कर दिया है।
- कांग्रेस में आंतरिक कलह देखने को मिल रही है।
- बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को है।
- मुख्य मुकाबला NDA और महागठबंधन के बीच होगा।
पटना, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आ गई है। विभिन्न पार्टियाँ अपने चुनावी रण में उतरने वाले 'योद्धाओं' के नामों की घोषणा करने में लग गई हैं। हालांकि, महागठबंधन की तरफ से सीट बंटवारे की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है, लेकिन चुनावी योद्धा अब नामांकन भरने लगे हैं।
महागठबंधन समन्वय समिति के प्रमुख तेजस्वी यादव ने बुधवार को अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर से नामांकन पत्र भरा।
वहीं, महागठबंधन में शामिल भाकपा (माले) के छह उम्मीदवारों ने भी बुधवार को नामांकन भरा। भाकपा (माले) की ओर से फुलवारीशरीफ से पूर्व विधायक गोपाल रविदास ने नामांकन पत्र दाखिल किया, जबकि दीघा से दिव्या गौतम, तरारी से मदान सिंह चंद्रवंशी, अगिआंव से शिवप्रकाश रंजन, डुमरांव से अजीत कुमार सिंह और भोरे से जितेंद्र पासवान ने भी पर्चा दाखिल किया।
इस बीच, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी अब उम्मीदवारों को सिंबल बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, उम्मीदवारों की सूची जारी होने से पहले ही कांग्रेस में आंतरिक कलह भी देखने को मिली है। कार्यकर्ताओं ने दिल्ली से पटना पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम का विरोध किया और नारेबाजी करते हुए नेताओं पर टिकट बेचने के गंभीर आरोप लगाए।
बता दें कि महागठबंधन के नेताओं के सीट बंटवारे को लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक कई बैठकें हुईं, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हो पाई है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व वाले एनडीए और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच माना जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।