क्या महाराष्ट्र में एनसीपी के मंत्री माणिकराव कोकाटे ने अदालत के फैसले के बाद इस्तीफा दिया?
सारांश
Key Takeaways
- माणिकराव कोकाटे का इस्तीफा एक न्यायालय के निर्णय के बाद आया है।
- यह घटना एनसीपी की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।
- अजित पवार ने इस इस्तीफे को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया है।
- माणिकराव कोकाटे को हाउसिंग फ्रॉड मामले में सज़ा सुनाई गई है।
- राज्य के राज्यपाल ने नए मंत्रियों की नियुक्ति की है।
मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे ने गुरुवार को खेल एवं युवा कल्याण और अल्पसंख्यक मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भेजा है, जिन्होंने इस इस्तीफे की पुष्टि की है।
अजित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि महाराष्ट्र के मंत्री और मेरे सहयोगी माणिकराव कोकाटे ने न्यायालय के फैसले के बाद मुझे अपना इस्तीफा सौंपा है। हमारी पार्टी की दीर्घकालिक विचारधारा के अनुसार, विधि का शासन सर्वोपरि है और सभी व्यक्तियों पर लागू होता है, इसलिए उनका इस्तीफा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि मैंने संवैधानिक प्रक्रिया के तहत कोकाटे का इस्तीफा मुख्यमंत्री को विचार और स्वीकृति के लिए भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि हमारा दल हमेशा से मानता है कि सार्वजनिक जीवन को संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत अखंडता और न्यायपालिका के प्रति सम्मान के द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। हम विधि के शासन के प्रति दृढ़ विश्वास रखते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों तथा जनविश्वास को बनाए रखने पर कार्य करते रहेंगे।
इस बीच, महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अजीत पवार को खेल एवं युवा मामलों, अल्पसंख्यक मामलों और वक्फ मंत्रालय आवंटित किए हैं।
ये मंत्रालय पहले माणिकराव कोकाटे के पास थे। राज्यपाल ने इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा भेजे गए पत्र को मंजूरी दी।
1995 के एक हाउसिंग फ्रॉड मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के कारण माणिकराव कोकाटे को मंत्री पद छोड़ना पड़ा।
वे नासिक जिले के सिन्नर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार के विधायक हैं, और उनका राजनीतिक निष्ठा बदलने का इतिहास रहा है। उन्हें दो वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है। सेशन कोर्ट ने जाली दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी फ्लैटों के अवैध अधिग्रहण से जुड़े मामले में सजा को बरकरार रखा है।