क्या माही गिल का बर्थडे स्पेशल डिस्को में 5 घंटे डांस करने से बॉलीवुड में ब्रेक मिला?
सारांश
Key Takeaways
- माही गिल ने संघर्ष और मेहनत से बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई।
- डांस करने से उन्हें पहली फिल्म मिली।
- माही ने आर्मी में भी काम किया था।
- उनके किरदार 'पारो' और 'माधवी' आज भी याद किए जाते हैं।
- उनकी कहानी प्रेरणा देती है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।
मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मायानगरी में अपनी किस्मत आजमाने के लिए हजारों लोग आते हैं, परंतु कुछ ही चांदनी रातों में चमकते हैं। पहली फिल्म पाने के लिए जबर्दस्त मेहनत करनी होती है और यदि किसी तरह फिल्म मिल जाए तो पहचान बनाना बेहद कठिन होता है।
इन तमाम कठिनाइयों को पार करते हुए माही गिल ने सिनेमा में अपनी जगह बनाई। चंडीगढ़ में जन्मी माही गिल ने शुरू में पंजाबी फिल्में की थीं, लेकिन उनका सपना कुछ और बड़ा था। इसलिए उन्होंने मुंबई का रुख किया। माही के लिए पहली फिल्म का मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं था, क्योंकि जिन हालातों में उन्हें यह फिल्म मिली, वो उन्होंने कभी सोचा नहीं था।
अभिनेत्री को यह फिल्म डांस करने के कारण मिली थी। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। माही ने कपिल शर्मा के शो में खुलासा किया था कि वे लगातार एक साल तक डिस्को जाती थीं।
उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए थे और मुझे लगता था कि कोई मुझे पेट्रोल पंप या डिस्को में देख लेगा और अपनी फिल्म में साइन कर लेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मैं किसी बच्चे की बर्थडे पार्टी में डांस कर रही थी, तब अनुराग कश्यप ने पहली बार मुझे देखा। मैं लगातार 5-6 घंटे तक डांस कर रही थी। अनुराग कश्यप ने माही गिल के साथ फिल्म ‘देव डी’ साइन की, जिसमें उन्होंने ‘पारो’ का किरदार निभाया और एक न्यूकमर के तौर पर छा गईं। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी मिला था।
माही ने अपनी अधिकांश फिल्मों में एक्शन से भरे रोल किए हैं, जिनमें 'पान सिंह तोमर', 'साहेब बीवी और गैंगस्टर', 'गुलाल', 'बुलेट राजा', और 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' शामिल हैं। पर क्या आप जानते हैं कि असल जिंदगी में भी माही ने एक लड़के की पिटाई कर दी थी और इसी कारण उन्होंने आर्मी में जाने का फैसला किया था? पंजाबी सिनेमा में डेब्यू करने से पहले माही भारतीय सेना का हिस्सा थीं, लेकिन पर्दे पर छाने की उनकी इच्छा ने उन्हें नौकरी छोड़कर फिल्में करने पर मजबूर किया।
खुद माही ने बताया था कि जब से वे 14 साल की थीं, तब फ्रेंच क्लॉसेज के लिए कोचिंग जाया करती थीं। उस समय एक लड़का छेड़ने की कोशिश करता था। शुरुआत में उन्होंने तीन बार उसे नजरअंदाज किया, लेकिन चौथी बार उस लड़के की पिटाई कर दी। जाट परिवार में जन्मीं माही ने कभी किसी से डरना नहीं सीखा। माही ने अपने करियर में कई अलग-अलग किरदार निभाए और फेमस हुईं। आज भी उन्हें 'साहेब बीवी और गैंगस्टर' में बोल्ड माधवी और 'देव डी' में 'पारो' के किरदार के लिए जाना जाता है। उन्होंने तेलुगू फिल्मों में भी काम किया, लेकिन तेलुगू सिनेमा में उनका प्रभाव सीमित रहा।