क्या महाराष्ट्र में नगरपालिका चुनावों में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाई गई?

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क्या महाराष्ट्र में नगरपालिका चुनावों में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाई गई?

सारांश

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की हाल की बैठक ने नगरपालिका चुनावों में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह निर्णय चुनावी प्रक्रिया को सुगम बनाने और उम्मीदवारों को राहत प्रदान करेगा। जानें इस निर्णय के पीछे का कारण और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • जाति वैधता प्रमाणपत्र की समय सीमा को छह महीने बढ़ाया गया है।
  • महानगरपालिका और नगर परिषद चुनावों में यह राहत मिलेगी।
  • राज्य सरकार ने विकसित महाराष्ट्र–2047 विजन डॉक्युमेंट को मंजूरी दी है।
  • गृह विभाग ने नई ब्रॉडगेज रेल लाइन परियोजना को स्वीकृत किया है।
  • नए न्यायालय भवन के लिए भी निर्णय लिया गया है।

मुंबई, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री सचिवालय (जनसंपर्क कक्ष) द्वारा जारी विवरण के अनुसार, बैठक में सात विभागों के प्रमुख प्रस्तावों को अनुमोदित किया गया।

इसका सीधा प्रभाव राज्य की दीर्घकालिक विकास नीतियों, स्थानीय स्वशासन और न्यायिक व्यवस्था पर पड़ेगा।

बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय "विकसित महाराष्ट्र–2047" विजन डॉक्युमेंट को मंजूरी देने का रहा। इस विजन डॉक्युमेंट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकसित महाराष्ट्र विजन मैनेजमेंट यूनिट (वीएमयू) गठित की जाएगी। यह इकाई नागरिकों से सुझाव और प्रतिक्रिया लेकर उनका एआई आधारित विश्लेषण करेगी। राज्य और जिला स्तर पर 16 प्रमुख संकल्पनाओं के अंतर्गत 100 उपक्रम तय किए गए हैं, जिनका लक्ष्य प्रगतिशील, सतत, सर्वसमावेशी और सुशासन आधारित महाराष्ट्र का निर्माण करना है।

गृह विभाग ने सोलापुर–तुलजापुर–धाराशिव नई ब्रॉडगेज रेल लाइन की परियोजना को नई लागत के अनुसार संशोधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। राज्य सरकार इस परियोजना में अपनी हिस्सेदारी के 50 प्रतिशत के अतिरिक्त निधि उपलब्ध कराएगी।

सामान्य प्रशासन विभाग के तहत राजशिष्टाचार उपविभाग का विस्तार किया गया है। अब सचिव का पदनाम होगा — सेक्रेटरी (प्रोटोकाल, एफडीआई, डायसपोरा अफेयर एंड आउटरिच)। इसके साथ ही तीन नई कार्य इकाइयां विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई), अंतरराष्ट्रीय संपर्क (आउटरिच) और प्रवासी भारतीय विषय (डायसपोरा अफेयर ) स्थापित की जाएंगी। इन नई जिम्मेदारियों के लिए आवश्यक पदों को भी मंजूरी दी गई है।

नगर विकास विभाग ने नगरपालिका चुनावों में जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की समय सीमा को बढ़ाकर छह महीने करने का निर्णय लिया है। यह राहत महानगरपालिकाओं, नगर परिषदों, नगर पंचायतों और औद्योगिक नगरों के सामान्य या उपचुनावों में आरक्षित सीटों पर निर्वाचित उम्मीदवारों को मिलेगी। इसके लिए मुंबई महानगरपालिका अधिनियम 1888, महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम 1949 और महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत व औद्योगिक नगरी अधिनियम 1965 में संशोधन को मंजूरी दी गई है।

इसी तरह, ग्राम विकास विभाग ने ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद चुनावों के लिए भी समान राहत देने का निर्णय लिया है। आरक्षित सीटों पर विजेता उम्मीदवारों को जाति वैधता प्रमाणपत्र दाखिल करने के लिए अब छह महीने का समय मिलेगा। इसके लिए “महाराष्ट्र जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की समयावधि अध्यादेश 2025” जारी करने को स्वीकृति दी गई है।

विधि व न्याय विभाग ने धुले जिले के शिरपुर में नया न्यायालय भवन स्थापित करने का निर्णय लिया है। यहां जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय, वरिष्ठ स्तर का दीवानी न्यायालय और सरकारी अभियोक्ता कार्यालय स्थापित किया जाएगा। इन सभी के लिए आवश्यक पदों और खर्च को भी मंजूरी दी गई है।

वहीं, महसूल विभाग ने वाशिम जिले के रिसोड तालुका के मौजे करडा में स्थित भूमि का सुविदे फाउंडेशन को नाममात्र दर एक रुपए पर अगले 30 वर्षों के लिए पट्टा नवीनीकरण करने का निर्णय लिया है। यह भूमि कुल 29.85 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है और संस्था को शिक्षा व सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग के लिए दी गई है।

Point of View

यह निर्णय एक सकारात्मक कदम है जो चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने में सहायक होगा। यह कदम न केवल उम्मीदवारों को सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि समाज में समानता की भावना को भी बढ़ावा देगा।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

जाति वैधता प्रमाणपत्र की समय सीमा कब तक बढ़ाई गई है?
जाति वैधता प्रमाणपत्र की समय सीमा अब छह महीने तक बढ़ाई गई है।
यह निर्णय किन चुनावों पर लागू होगा?
यह निर्णय महानगरपालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत और औद्योगिक नगरों के चुनावों पर लागू होगा।
इस निर्णय का उद्देश्य क्या है?
इस निर्णय का उद्देश्य आरक्षित सीटों पर निर्वाचित उम्मीदवारों को राहत प्रदान करना और चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाना है।