क्या महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने विकास के एजेंडे के लिए वोट हासिल किया?

Click to start listening
क्या महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने विकास के एजेंडे के लिए वोट हासिल किया?

सारांश

महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा ने विकास के एजेंडे के लिए लोगों का समर्थन प्राप्त किया। इस चुनाव में पार्टी ने विपक्ष के झूठे नैरेटिव को खारिज करते हुए सबसे अधिक पद जीते हैं। जानें इस चुनाव के नतीजों का क्या मतलब है।

Key Takeaways

  • भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनाव में महत्वपूर्ण जीत हासिल की।
  • विकास पर जोर देने से मतदाता का समर्थन मिला।
  • भाजपा की जीत को प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री फडणवीस के नेतृत्व का परिणाम माना गया।

मुंबई, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को यह दावा किया कि नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में उसने सबसे अधिक अध्यक्ष और अन्य पद जीतकर सभी राजनीतिक दलों में प्रमुखता हासिल की है। पार्टी ने कहा कि इन चुनावों में लोगों ने झूठे नैरेटिव को नकारते हुए विकास के एजेंडे के पक्ष में वोट दिया है।

246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए 2 और 20 दिसंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था और मतगणना रविवार को संपन्न हुई।

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा कि हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में महत्वपूर्ण जीत के बाद पार्टी अब मुंबई पर ध्यान केंद्रित करेगी। मतदाताओं ने विपक्ष के 'फेक नैरेटिव' को ठुकरा दिया है।

भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चव्हाण ने कहा कि विपक्ष ने चुनाव प्रचार के दौरान हर तरह के आरोप लगाए, लेकिन लोगों ने सच्चाई को समझ लिया।

उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे ने खुद कहा था कि उनके पास लोगों के लिए कोई विजन नहीं है, इसलिए उनकी पार्टी को जनता ने खारिज कर दिया। उनकी पार्टी काउंसिल चेयरपर्सन के पद भी दो अंकों में नहीं जीत पाई।” उन्होंने आगे कहा, “अब मुंबईकर भी ऐसा ही करेंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बिना किराया बढ़ाए सभी मौजूदा लोकल ट्रेनों को नई ट्रेनों से बदलने का निर्णय लिया है।”

चव्हाण ने कहा, “विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की जनता ने एक बार फिर नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में भाजपा पर भरोसा जताया है। भाजपा परिवार एक बार फिर राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरा है। यह जनता के अटूट भरोसे की जीत है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी शहरी विकास एजेंडे, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व और भाजपा पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है।”

उन्होंने कहा, “भाजपा की साफ-सुथरी, जनता-केंद्रित और विकास की सोच को समर्थन देने वाले सभी मतदाताओं का दिल से धन्यवाद। सभी विजयी उम्मीदवारों को बधाई और आगे के सफर के लिए शुभकामनाएं। जहां भाजपा का कमल होता है, वहां विकास सुनिश्चित है।”

चव्हाण ने कहा कि नतीजे दर्शाते हैं कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने के क्या लाभ हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने राज्यभर में दौरे किए, रैलियां कीं और ऑनलाइन बैठकों के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद किया। उन्होंने कहा, “हम उनके समर्पण और मेहनत को सलाम करते हैं” और दावा किया कि आने वाले बीएमसी चुनावों में भी मुंबईकर विपक्ष को नकार देंगे।

चव्हाण ने कहा, “यह विकास और तरक्की के लिए मजबूत जनादेश है। हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और भाजपा तथा उसके सहयोगियों से जुड़ी लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।”

उन्होंने दावा किया कि महायुति ने 288 में से 250 से अधिक काउंसिल, नगर परिषद और नगर पंचायतें जीती हैं। इसमें भाजपा उम्मीदवारों ने 236 में से 134 काउंसिल प्रमुख पद और 3,000 से ज्यादा पार्षद सीटें जीती हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री फडणवीस की प्रशासनिक क्षमता को दिया।

उन्होंने चव्हाण और महायुति के सहयोगी दल शिवसेना और एनसीपी को बधाई देते हुए कहा, “पहली बार भाजपा को स्थानीय निकाय चुनावों में इतना बड़ा जनादेश मिला है।”

गठबंधन की स्थिति पर बावनकुले ने कहा कि सभी छोटे नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव एक साथ मिलकर लड़ना संभव नहीं था। उम्मीदवार बातचीत के बाद उतारे गए थे और किसी भी प्रकार की कड़वाहट नहीं थी। कांग्रेस हमारी पुरानी विरोधी पार्टी है और वह लगातार कमजोर हो रही है।

इस बीच, भाजपा नेता और सिंधुदुर्ग के प्रभारी मंत्री नितेश राणे ने कहा कि अब विकास ही प्राथमिकता होगी।

राणे ने मालवन, कंकावली, सावंतवाड़ी और वेंगुर्ला में जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई देते हुए पत्रकारों से कहा, “चुनाव खत्म हो गए हैं और अब राजनीति करने की जरूरत नहीं है। विकास ही हमारा फोकस रहेगा।”

उन्होंने मालवन और कंकावली में भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना करते हुए कहा, “प्रभारी मंत्री के तौर पर मैं बिना भेदभाव के लोगों की मांगों और उम्मीदों को पूरा करूंगा। मैं उन्हें पूरा सहयोग देने का भरोसा देता हूं। यह करदाताओं का पैसा है और इसका सही इस्तेमाल होना चाहिए। जनता समझदार है और हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए।”

उन्होंने अपने बड़े भाई नीलेश राणे के प्रचार के असर को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “उनकी रैलियों का असर पड़ा और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कुछ और कारण भी थे और हमसे कुछ गलतियां भी हुईं। मैं जनता के फैसले का सम्मान करता हूं।”

Point of View

राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा ने कितने पद जीते हैं?
भाजपा ने 236 में से 134 काउंसिल प्रमुख पद और 3,000 से अधिक पार्षद सीटें जीती हैं।
मतदाता ने किस मुद्दे के पक्ष में वोट दिया?
मतदाता ने विकास के एजेंडे के पक्ष में वोट दिया और विपक्ष के झूठे नैरेटिव को खारिज किया।
Nation Press