क्या महाराष्ट्र निकाय चुनाव नतीजों ने 'असली' शिवसेना पर बहस खत्म कर दी?

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क्या महाराष्ट्र निकाय चुनाव नतीजों ने 'असली' शिवसेना पर बहस खत्म कर दी?

सारांश

एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में मिली जीत को 'असली' शिवसेना का प्रमाण बताया। क्या यह बहस अब खत्म हो गई है? जानें चुनाव नतीजों पर उनके विचार और पार्टी की स्थिति।

Key Takeaways

  • शिवसेना ने नगर परिषद और पंचायत चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया।
  • मतदाताओं ने असली शिवसेना को पहचान लिया है।
  • महायुति गठबंधन ने चुनाव में भारी जीत हासिल की।
  • कोंकण क्षेत्र में शिवसेना का गढ़ मजबूत है।
  • महाराष्ट्र के लोग बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने वाले नेताओं को पसंद करते हैं।

ठाणे, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख नेता एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि पार्टी ने नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में एक शानदार स्ट्राइक रेट बनाए रखा है।

उपमुख्यमंत्री शिंदे ने इस सफलता का श्रेय विकास-केंद्रित एजेंडे और जमीनी स्तर पर जुड़ाव को दिया और कहा कि चुनाव नतीजों ने आखिरकार 'असली' शिवसेना पर बहस खत्म कर दी है।

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला किया और कहा, "लोगों ने उन्हें घर भेज दिया है जिन्होंने दूसरों को उनके घरों तक सीमित रखने की कोशिश की। मतदाताओं ने साफ दिखा दिया है कि असली शिवसेना किसकी है।"

उन्होंने बताया कि हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति गठबंधन को भारी जीत मिली। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, वहीं शिवसेना ने 50 से ज्यादा सीटों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। खास बात यह है कि कम सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद शिवसेना ने जीत का बेहतर प्रतिशत बनाए रखा और कई अध्यक्ष (नगराध्यक्ष) पदों पर दबदबा बनाया।

उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव नतीजे बताते हैं कि कई क्षेत्रों में, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की संयुक्त ताकत अकेले शिवसेना द्वारा हासिल किए गए आंकड़ों से कम रही।

उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते हुए कि शिवसेना का प्रभाव केवल ठाणे या मुंबई तक सीमित है, शिंदे ने महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र में पार्टी के प्रदर्शन पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, "चुनाव नतीजों ने फिर से पुष्टि की है कि कोंकण क्षेत्र शिवसेना का गढ़ है, क्योंकि रायगढ़, पालघर और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में महत्वपूर्ण जीत दर्ज की गई है। धनुष और तीर का निशान अब राज्य भर में 'हर घर' तक पहुंच गया है।"

उन्होंने जीत का श्रेय शिवसेना के पदाधिकारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों को दिया। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महाराष्ट्र के लोग ऐसे नेताओं को पसंद करते हैं जो राजनीतिक बयानबाजी के बजाय बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता देते हैं।

शिंदे ने कहा, "लोग ऐसा नेता चाहते हैं जो काम करे। शिवसेना हमेशा संकट के समय नागरिकों के साथ खड़ी रही है, और 'सेना-संकट' (मुसीबत के समय सेना) का समीकरण जनता के मन में गहराई से बसा हुआ है।"

गठबंधन के प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बधाई देते हुए उन्होंने चुनावी जीत को पिछले साढ़े तीन सालों में महायुति सरकार द्वारा किए गए काम के लिए 'मंजूरी की रसीद' बताया।

Point of View

महाराष्ट्र के निकाय चुनाव नतीजे राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं। यह परिणाम यह दर्शाता है कि मतदाता विकास और बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता दे रहे हैं।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

एकनाथ शिंदे ने चुनाव परिणामों पर क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि चुनाव परिणामों ने 'असली' शिवसेना पर बहस खत्म कर दी है।
महायुति गठबंधन को कितनी सीटें मिलीं?
महायुति गठबंधन को भारी जीत मिली, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी जबकि शिवसेना ने 50 से ज्यादा सीटें हासिल कीं।
शिवसेना का प्रभाव किन क्षेत्रों में है?
एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना का प्रभाव केवल ठाणे या मुंबई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कोंकण क्षेत्र में भी मजबूत है।
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