क्या महिलाओं का अपमान करना कांग्रेस की परंपरा है?: विश्वास सारंग

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का अपमान कांग्रेस की परंपरा का हिस्सा है।
- विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- सड़क पर प्रदर्शन के जरिए भाजपा महिला मोर्चा ने आवाज उठाई है।
- कांग्रेस नेताओं को माफी मांगनी चाहिए।
- महिलाओं के प्रति सम्मान का अभाव राजनीतिक सियासत की कमजोरी है।
भोपाल, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिए गए विवादास्पद बयानों ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कांग्रेस नेता यशवंत गुर्जर के बयानों पर प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने गंभीर प्रतिक्रिया दी है.
विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर महिलाओं, हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति के प्रति अपमान का आरोप लगाया।
उमंग सिंघार के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्वास सारंग ने कहा, "यह कांग्रेस की हताशा का संकेत है। जनता ने उन्हें पूर्ण रूप से नकार दिया है। लोकतंत्र में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की अपनी सीमाएं हैं, लेकिन कांग्रेस नेता ब्यूरोक्रेट्स पर दबाव डालकर और उनका अपमान करके अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।"
कांग्रेस नेता यशवंत गुर्जर के 'लाडली बहना' योजना को लेकर दिए गए बयान ने सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है। भाजपा महिला मोर्चा ने उनके खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया।
विश्वास सारंग ने कहा, "महिलाओं का अपमान करना कांग्रेस पार्टी की परंपरा बन चुकी है। क्या उन्हें महिलाओं का सम्मान करना भी नहीं आता? सबसे दुखद बात यह है कि पार्टी का रिमोट कंट्रोल सोनिया गांधी के हाथ में है, फिर भी कांग्रेस नेता सार्वजनिक रूप से महिलाओं का अपमान करते रहते हैं। इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का नारा देने वाली प्रियंका गांधी अब कहाँ हैं? कांग्रेस नेताओं को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।"
उन्होंने कांग्रेस पर हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति के खिलाफ अभियान चलाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, "जहां कांग्रेस होगी, वहां सनातन का अपमान होगा। हिंदू देवी-देवताओं और धर्मस्थलों का अपमान करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। इटली के संस्कारों में पले इस दल से ऐसी हरकतें होती रहेंगी, लेकिन सनातन संस्कृति उनके दुष्प्रचार से कभी बदनाम नहीं होगी।"