क्या तेज प्रताप यादव फिर से महुआ से मैदान में हैं, परिवार से दूर और राजद से सीधी टक्कर?
सारांश
Key Takeaways
- तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
- महुआ विधानसभा क्षेत्र में राजद का दबदबा रहा है।
- महुआ का राजनीतिक इतिहास काफी समृद्ध है।
- महुआ क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं।
- महुआ के प्रमुख धार्मिक स्थल स्थानीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं।
पटना, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महुआ विधानसभा क्षेत्र बिहार की राजनीति में हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। यह लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की राजनीतिक गतिविधियों का मुख्य स्थल है। यह निर्वाचन क्षेत्र बिहार के वैशाली जिले में स्थित है, जो हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 1972 में जब मुजफ्फरपुर जिले का विभाजन कर वैशाली जिला अस्तित्व में आया, तब महुआ को उपखंड का दर्जा दिया गया था।
धार्मिक दृष्टि से भी महुआ क्षेत्र समृद्ध है। पानापुर स्थित राधा कृष्ण मंदिर, छतवाड़ा का हनुमान मंदिर, अबाबकरपुर की काली माता मंदिर और गोविंदपुर का प्रसिद्ध शक्तिपीठ दुर्गा मंदिर इसके प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित महुआ की भूमि अत्यंत उपजाऊ है। यहां मुख्य रूप से धान, गेहूं, मक्का और दालों की खेती होती है। सिंचाई का मुख्य स्रोत नहरें और भूजल हैं। कहा जाता है कि इस क्षेत्र का नाम महुआ वृक्षों की प्रचुरता के कारण पड़ा। 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने से पहले महुआ देसी शराब उत्पादन का प्रमुख केंद्र माना जाता था।
राजनीतिक इतिहास में महुआ विधानसभा सीट पर राजद का लंबे समय से दबदबा रहा है। 2010 को छोड़कर 2000 से अब तक सभी चुनावों में राजद ने यहां जीत हासिल की है। 2015 के चुनाव में तेज प्रताप यादव स्वयं यहां से विधायक चुने गए थे। वहीं, 2020 में राजद के उम्मीदवार मुकेश कुमार रौशन ने जीत दर्ज की थी।
महुआ विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1951 में हुई थी। 1952, 1957 और 1962 के प्रारंभिक चुनावों के बाद यह निर्वाचन क्षेत्र कुछ समय के लिए समाप्त कर दिया गया था, लेकिन 1977 में इसे पुनः स्थापित किया गया। 1977 से अब तक के चुनावी इतिहास में कांग्रेस और भाजपा को यहां कभी जीत नहीं मिली।
1977 और 1980 में जनता पार्टी, 1985 में लोकदल, 1990 और 1995 में जनता दल, और 2010 में जदयू ने यहां जीत हासिल की थी, जो महुआ में उनकी पहली और अब तक की एकमात्र जीत थी।
तेज प्रताप यादव इस बार इसी सीट से चुनाव में उतरे हैं, लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है। उनके नामांकन के दौरान समर्थकों का हुजूम तो उमड़ा, लेकिन परिवार का कोई सदस्य उनके साथ नहीं था। दिलचस्प यह है कि तेज प्रताप अब अपने पिता की पार्टी राजद के प्रत्याशी मुकेश कुमार रौशन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
महुआ विधानसभा सीट पर इस बार कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं। जनशक्ति जनता दल से तेज प्रताप यादव और राजद से मुकेश कुमार रौशन के अलावा लोजपा (रामविलास) से संजय कुमार सिंह और जन सुराज पार्टी से इंद्रजीत प्रधान चुनाव लड़ रहे हैं।
सामाजिक समीकरण की बात करें तो महुआ में यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। इसके अलावा पासवान और रविदास समुदाय के मतदाता भी महत्वपूर्ण संख्या में हैं, जो किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार तय कर सकते हैं।