क्या मैथिली ठाकुर की ऐतिहासिक जीत बिहार चुनाव में एक नया अध्याय है?
सारांश
Key Takeaways
- मैथिली ठाकुर की ऐतिहासिक जीत ने युवा नेतृत्व को प्रेरित किया।
- उनकी लोकप्रियता ने चुनावी समीकरण को बदल दिया।
- भाजपा ने रणनीतिक दांव के रूप में उनका चुनावी मैदान में उतरना तय किया।
- अलीनगर सीट पर मतगणना का परिणाम महत्वपूर्ण रहा।
- बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हुआ है।
पटना, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा की अलीनगर सीट ने प्रमुखता प्राप्त की। इस सीट पर पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं भोजपुरी लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। महज 25 वर्ष की आयु में विधायक बनने का रिकॉर्ड बनाकर मैथिली ने सबसे कम उम्र में विधानसभा में प्रवेश किया है।
भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली मैथिली की उम्मीदवारी ने अलीनगर को बिहार की हॉट सीट बना दिया था।
इस सीट पर हुए चुनाव में भाजपा की मैथिली ठाकुर को कुल 84,915 वोट मिले। वहीं, उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी महागठबंधन के उम्मीदवार और राजद नेता बिनोद मिश्रा को 73,185 वोट प्राप्त हुए। मैथिली ने इस सीट पर 11,730 वोटों के अंतर से निर्णायक जीत हासिल की।
चुनावी माहौल में इस सीट पर शुरू से ही कड़ी टक्कर मानी जा रही थी, और परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता ने पूरा समीकरण बदल दिया।
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी की रहने वाली 25 वर्षीय लोक गायिका मैथिली ठाकुर मिथिलांचल में पहले से ही एक मजबूत प्रशंसक आधार रखती हैं। युवाओं और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों में उनकी व्यापक लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने उन्हें एक रणनीतिक दांव के रूप में मैदान में उतारा था।
पार्टी का उद्देश्य था कि मिथिला संस्कृति से गहराई से जुड़ी उनकी पहचान और डिजिटल लोकप्रियता को अलीनगर जैसी महत्वपूर्ण सीट पर वोटों में बदला जाए, और यह दांव सफल भी साबित हुआ।
बिहार चुनाव के लिए मतगणना जारी है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बहुमत के आंकड़े से कहीं आगे निकल चुकी है। इन सबके बीच एनडीए नेताओं की ओर से बधाई देने का सिलसिला जारी है।