क्या सीएम ममता बनर्जी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछाया?
सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
- राजनैतिक बयानबाजी वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है।
- बंगाल में हिंदू समुदाय में भय का माहौल है।
- दिग्विजय सिंह का पोस्ट भी चर्चा का विषय बना।
बेगूसराय, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने बेगूसराय में संवाददाताओं से बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें रॉय ने कहा था कि सीएम ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल से अधिक बांग्लादेश में पसंद किया जाता है।
गिरिराज सिंह ने कहा, "हमेशा से यह कह रहे हैं कि ममता बनर्जी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए रेड कार्पेट बिछाया है और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया है।" उन्होंने आगे तंज करते हुए कहा कि यदि सीएम ममता बनर्जी बांग्लादेश में इतनी लोकप्रिय हैं, तो उन्हें बंगाल छोड़कर वहां चले जाना चाहिए और वहां की प्रधानमंत्री बनना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम ममता बनर्जी वोट बैंक की राजनीति के लिए बंगाल को बांग्लादेश बनाने का प्रयास कर रही हैं, जबकि पड़ोसी देश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है।
यह बयान उस समय आया है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, पर हाल की हिंसा की घटनाएँ भारत में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। गिरिराज सिंह ने बार-बार ममता सरकार पर घुसपैठियों को नौकरी देने और संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। बंगाल में हिंदू समुदाय डर के साए में जी रहा है।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के हालिया पोस्ट पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "दिग्विजय सिंह ने क्यों सराहना की? मुझे उनके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, लेकिन भाजपा आज कार्यकर्ताओं और राष्ट्रभक्तों की पार्टी है। कांग्रेस केवल परिवार की पार्टी है।"
गौरतलब है कि हाल ही में दिग्विजय सिंह के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने पार्टी के अंदर और बाहर हलचल पैदा कर दी है। दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी और लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर साझा की, जिसमें पीएम मोदी को आडवाणी के पास जमीन पर बैठे दिखाया गया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा कि यह तस्वीर आरएसएस और भाजपा के संगठन की ताकत को दर्शाती है, जहां जमीनी कार्यकर्ता ऊंचे पदों तक पहुँचते हैं।