क्या हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से आई भारी तबाही?

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क्या हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से आई भारी तबाही?

सारांश

मंडी में बादल फटने से आई तबाही ने क्षेत्र को संकट में डाल दिया है। पुलों का बहना और फसलों का नुकसान स्थानीय निवासियों को चिंतित कर रहा है। क्या प्रशासन इस आपदा से निपटने में सक्षम होगा?

Key Takeaways

  • बादल फटना मंडी में बड़ा संकट बन गया है।
  • तीन पुल और फसलें बहे हैं।
  • कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन खतरा बना हुआ है।
  • प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
  • केंद्र सरकार ने आर्थिक मदद भेजी है।

मंडी, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से व्यापक तबाही का सामना करना पड़ा है। पधर उपमंडल के चौहारघाटी में स्थित कोरतंग गांव के निकट एक नाले में अचानक आए पानी के सैलाब में तीन पुल बह गए। तेज बहाव के कारण नाले के किनारे की खड़ी फसलें और बागीचे भी पानी और पहाड़ से आए मलबे में डूब गए।

गनीमत यह रही कि इस आपदा में कोई जनहानि नहीं हुई। हालाँकि, खराब मौसम के चलते लोगों को अपनी जान का जोखिम बना हुआ है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पूरे गांव को भविष्य में गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है।

पंचायत प्रधान प्रेम सिंह ठाकुर और बीडीसी सदस्य कमला ठाकुर ने कहा, "नाले के कटाव और तेज बहाव ने क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।" उन्होंने उप-जिलाधिकारी को क्षेत्र की स्थिति और संभावित खतरे की रिपोर्ट भेजकर शीघ्र राहत की मांग की।

घटना पर एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रशासन की एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया है, जो नुकसान का आकलन करके आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

इस दौरान, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा, "प्रदेश में लगातार हो रही बरसात से भारी नुकसान हो रहा है, विशेष रूप से मंडी जिले में।"

आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता भी पहुँच रही है। पूर्व मंत्री एवं विधायक सुखराम चौधरी ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने यहाँ सेना के जवान भेजे हैं, जिससे राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने हिमाचल में आपदा से पहले ही 2006 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की।

हिमाचल प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सुखराम चौधरी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में कई बड़े नुकसान हुए हैं, फिर भी राज्य सरकार ने बरसात में आपदा से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है।

Point of View

बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश के लिए गंभीर चिंता का विषय है। प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारी तैयारी और प्रतिक्रिया की क्षमता पर सवाल उठते हैं। हमें उम्मीद है कि प्रशासन उचित कदम उठाएगा और प्रभावित लोगों को शीघ्र राहत प्रदान करेगा।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

बादल फटने के कारण क्या नुकसान हुआ है?
बादल फटने से तीन पुल बह गए और खेतों की फसलें व बागीचे पानी में समा गए।
क्या इस आपदा में कोई जनहानि हुई?
गनीमत रही कि इस आपदा में कोई जनहानि नहीं हुई।
प्रशासन ने राहत कार्य के लिए क्या कदम उठाए हैं?
प्रशासन की एक टीम मौके पर भेजी गई है, जो नुकसान का आकलन कर रही है।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए क्या सहायता दी है?
केंद्र सरकार ने यहाँ राहत कार्य के लिए आर्थिक मदद और सेना के जवान भेजे हैं।
स्थानीय नेताओं का इस घटना पर क्या कहना है?
स्थानीय नेताओं ने क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है और शीघ्र राहत की मांग की है।