क्या कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में मतदाता सूची अनियमितताओं पर चर्चा की मांग की?

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क्या कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में मतदाता सूची अनियमितताओं पर चर्चा की मांग की?

सारांश

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें बिहार में मतदाता सूची में अनियमितताओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। उन्होंने संसद से इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची में अनियमितताएँ लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।
  • संसद में इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए।
  • बिहार में 12 फीसद मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।
  • लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता महत्वपूर्ण है।
  • केंद्र सरकार फर्जी मतदाताओं को चिन्हित कर रही है।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में मतदाता सूचियों के राज्यव्यापी गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में अनियमितताओं और बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने लोकसभा के महासचिव को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।

मणिकम टैगोर ने अपने पत्र में बताया कि विशेष रूप से बिहार में चल रहे पुनरीक्षण के दौरान 12 फीसद से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। इसके अलावा, अनुचित तरीके से नाम जोड़े जाने की शिकायतें भी सामने आई हैं। उन्होंने इस प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह नागरिकों के मतदान के मौलिक अधिकार को प्रभावित कर रहा है।

उन्होंने चिंता जताई कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की अनुमति बार-बार नकारे जाने से न केवल सदन की निगरानी की भूमिका कमजोर हो रही है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता का भरोसा भी डगमगा रहा है। उन्होंने मांग की है कि सदन अपनी नियमित कार्यवाही स्थगित कर इस गंभीर मामले पर तुरंत चर्चा करे।

उन्होंने अपने पत्र में कहा कि यह प्रस्ताव लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मतदाता सूची में अनियमितताओं का यह मुद्दा न केवल बिहार बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी चिंता का विषय बन सकता है।

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने मतदाता सूची पुनरीक्षण कराए जाने की प्रक्रिया शुरू की है। चुनाव आयोग ने इसके तहत मतदाता सूची को शुद्ध करने की बात कही है। फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है। इसके अलावा जिन मतदाताओं की मृत्यू हो गई, उनका नाम हटाया जा रहा है। विपक्षी दलों का दावा है कि इस प्रक्रिया के तहत पात्र मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची से हटाकर उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

Point of View

जिससे नागरिकों का विश्वास मजबूत हो सके।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने क्या मुद्दा उठाया?
उन्होंने लोकसभा में मतदाता सूची में अनियमितताओं और नाम हटाए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया।
बिहार में कितने प्रतिशत मतदाताओं के नाम हटाए गए?
बिहार में 12 फीसद से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
क्या यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है?
हाँ, इसे नागरिकों के मतदान के मौलिक अधिकार को प्रभावित करने वाला माना जा रहा है।