क्या ऑपरेशन सिंदूर और एसआईआर के मुद्दे पर सरकार जवाब देगी?: इमरान मसूद

सारांश
Key Takeaways
- मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाएंगे।
- ऑपरेशन सिंदूर और एसआईआर जैसे मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
- बिहार में मतदाता सूची में बदलाव लोकतंत्र के लिए हानिकारक।
- सरकार विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
- इंटेलिजेंस विफलता पर भी सवाल उठाए जाएंगे।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मानसून सत्र के संदर्भ में कहा कि इस सत्र में कई ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बिहार में हो रहे एसआईआर जैसे मुद्दे इस चर्चा का हिस्सा हैं।
सोमवार से आरंभ हुए मानसून सत्र को लेकर सरकार ने कहा है कि वह विपक्ष द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तत्पर है।
इमरान मसूद ने कहा कि बिहार से आ रही खबरें, जिसमें मतदाता सूची से 35 लाख वोटर्स के नाम हटाए जा रहे हैं, निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है। लोगों को इस पर जागरूक होना चाहिए और हम इसे संसद में जोरदार ढंग से उठाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार को खुलकर चर्चा करनी चाहिए और बताना चाहिए कि पहलगाम में आतंकवादी कहां गए। क्या हमने उन्हें समाप्त कर दिया है या नहीं? ऑपरेशन सिंदूर से हमें क्या लाभ हुआ?
कांग्रेस सांसद ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। विपक्ष को अपनी याचिका नियमों के अनुसार प्रस्तुत करनी चाहिए। सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तत्पर है, चाहे वह ऑपरेशन सिंदूर हो या अन्य कोई मुद्दा, उस पर ईमानदारी से चर्चा की जाएगी।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह संसद का मॉनसून सत्र है। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद इंटेलिजेंस विफलता पर सवाल उठाए, खासकर यह कि आतंकियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया चुनाव से पांच महीने पहले शुरू की गई है, जो संदेहास्पद है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में पहले पर्दे के पीछे किए गए कार्य अब बिहार में खुलकर हो रहे हैं। उन्होंने सत्ता में बैठे लोगों से इसकी मजबूरी और समय पर सवाल उठाया।
उन्होंने चुनाव आयोग की वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
इन मुद्दों को विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में भी उठाया था, जिसमें पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम दावों पर चर्चा की मांग की गई। प्रियंका चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा कि सरकार को इन सभी गंभीर मुद्दों पर संसद में जवाब देना चाहिए, ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके।