क्या मतदान मौलिक अधिकार है, जिसे कोई हड़प सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- मतदान करना मौलिक अधिकार है।
- महागठबंधन ने चक्का जाम का निर्णय लिया है।
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
- राजद का आरोप है कि वोटों के अधिकार पर डाका डाला जा रहा है।
पटना, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने सोमवार को कहा कि जनता का मतदान करना मौलिक अधिकार है और कोई इसे हड़प नहीं सकता। मतदान पुनरीक्षण के खिलाफ यह लड़ाई वास्तव में जनता की लड़ाई है। 9 जुलाई को महागठबंधन पूरे बिहार में चक्का जाम करेगा। इस आंदोलन में शामिल होने के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी पटना आएंगे।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा, "अब हमारे पास और क्या विकल्प है? यह हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। प्रदर्शन करना, जुलूस निकालना। हमने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है। गठबंधन की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 10 जुलाई को सुनवाई होनी है।"
उन्होंने कहा कि यह जनता की लड़ाई है। भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड बिहार में चुनाव हार रहे हैं, हवा उनके खिलाफ है, इसलिए इलेक्शन कमीशन को हथकंडे के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि जो अन्याय हो रहा है और वोटों के अधिकार पर डाका
उन्होंने कानून-व्यवस्था पर कहा कि उद्योगपति गोपाल खेमका के पुत्र की हत्या हुई थी। उस समय भी एनडीए की ही सरकार थी। क्या उन्हें न्याय मिला? गोपाल खेमका सामाजिक व्यक्ति थे। बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। यह जंगलराज नहीं, बल्कि महाजंगलराज है।
इससे पहले महागठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और महागठबंधन समन्वय समिति के प्रमुख तेजस्वी यादव ने बिहार में कराए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग करते हुए कहा कि चुनाव के बाद इसे शुरू किया जाए, ताकि लोकतंत्र की गरिमा और जनता का विश्वास बना रहे। इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है।