क्या घरेलू नुस्खे मौसमी बीमारियों से बचने में मदद कर सकते हैं?: एआईआईए निदेशक
सारांश
Key Takeaways
- गाय का शुद्ध घी नाक में डालें
- गर्म पानी में हल्दी और नमक का गरारा करें
- ओवरईटिंग से बचें
- नियमित भाप लें
- अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें
नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दीपावली के बाद बढ़ते वायु प्रदूषण और मौसम से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है।
प्रजापति ने कहा कि हर साल हम ऐसी घटनाएं देखते हैं जब एक्यूआई का स्तर बढ़ता है। इस बार दीपावली पर ग्रीन पटाखों पर दी गई छूट ने भी इस स्थिति को प्रभावित किया है, क्योंकि धनतेरस से पहले ही आतिशबाजी शुरू हो गई थी और यह अभी तक जारी है। इसके अलावा, पराली जलाने और आसपास से आने वाली धूल के कारण भी स्थिति गंभीर हो गई है।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदूषण से बचने के लिए रात में दोनों नाक में गाय का शुद्ध घी डालें और सोने से पहले गर्म पानी में हल्दी और नमक डालकर गरारे करें, ताकि एलर्जी से बचा जा सके। इसके साथ ही, इस मौसम में ठंड से बचने के लिए गुनगुना खाना खाने की सलाह दी। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें और लापरवाही न बरतें।
प्रजापति ने कहा कि अगर हम सावधानी बरतें, तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है। नाक में तेल डालना न भूलें और सुबह उठकर अच्छे से साफ कर लें।
उन्होंने यह भी कहा कि इस समय ओवरईटिंग से बचना चाहिए और अपने आप को थोड़ा भूखा भी रखना चाहिए। सर्दी में खांसी-जुकाम से बचने के लिए नियमित रूप से भाप लें और फेफड़ों की एक्सरसाइज करें। इस मौसम में अनुलोम-विलोम प्राणायाम करना भी लाभकारी है। सरकार को छिड़काव करना चाहिए, क्योंकि पेड़ों की फूल-पत्तियों पर जमी धूल वातावरण में मिल जाती है और यह सांस के जरिए लोगों के फेफड़ों में चली जाती है।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने वायु प्रदूषण पर कहा कि यदि हम उचित सावधानियां बरतें, तो अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। हमेशा ताजा बना हुआ गर्म खाना खाएं, बासी या बचा हुआ खाना खाने से बचें। गर्म, ताजा खाना खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और श्वसन संबंधी जलन का खतरा कम होता है।