क्या अमेरिका से दोस्ती महंगी पड़ने पर व्यापार को विविधता देना जरूरी है? - मायावती

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका से दोस्ती महंगी पड़ रही है।
- भारत को व्यापार में विविधता लाने की आवश्यकता है।
- सरकार को आत्मनिर्भरता के लिए दीर्घकालिक नीतियां बनानी चाहिए।
- गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याओं का समाधान जरूरी है।
- राजनीतिक टकराव को रोकना आवश्यक है।
लखनऊ, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार को यह सलाह दी कि अमेरिका से दोस्ती महंगी पड़ने के बाद अपने देश का व्यापार और भरोसा किसी एक देश पर केंद्रित न करना अधिक उचित होगा।
मायावती ने कहा कि जनहित में ही देशहित निहित है और इसीलिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 'अमेरिका को पुनः महान बनाने की प्रतिज्ञा' के तहत मनमानी व्यापार टैरिफ नीति के कारण भारत में आर्थिक प्रभावों से बचने के लिए सरकार को दावे, वादे, घोषणाएं और संकीर्णता को छोड़कर ठोस उपायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को देश की लगभग 140 करोड़ की जनसंख्या और खासकर भारत के व्यापार हित की रक्षा करनी चाहिए, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को सुरक्षित रखा जा सके और उत्पन्न अव्यवस्था से बाहर निकला जा सके। आज स्वतंत्रता दिवस पर देश को इसी दिशा में एक ठोस संदेश का इंतजार है।
मायावती ने कहा कि देश की करोड़ों बहुजन गरीबों, मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों और मेहनतकश समाज के प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है, लेकिन सरकार की नीतियों के कारण इन वर्गों का जीवन कठिन हो गया है। सरकार को अब सुधार के लिए गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है।
बसपा मुखिया ने कहा कि अमेरिका से भारत की दोस्ती महंगी पड़ने के कारण भारतीय व्यापार को किसी एक देश पर निर्भरता के बजाय अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए भारत सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लिए दीर्घकालिक नीतियों को लागू करना चाहिए, जिससे गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
बसपा प्रमुख ने कहा, "देश का जनहितैषी विकास तभी संभव है जब देश हर प्रकार की अव्यवस्था, साम्प्रदायिक, जातिवादी, भाषाई तनाव और हिंसा से मुक्त हो, जिसकी जिम्मेदारी सरकारों पर है।" उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच बढ़ती टकराव को रोकना भी आवश्यक है।