क्या मिशन शक्ति फेज-5 के तहत 12 घंटे में गुमशुदा 8 वर्षीय बच्ची को बरामद किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए सक्रिय अभियान।
- पुलिस की तत्परता का अद्भुत उदाहरण।
- सामाजिक नेटवर्क का प्रभावी उपयोग।
- गुमशुदा बच्चों की तेजी से बरामदगी।
- परिवार को भावनात्मक समर्थन और मार्गदर्शन।
ग्रेटर नोएडा, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मिशन शक्ति 5.0’ के तहत थाना दनकौर पुलिस ने एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। पुलिस की तत्परता और मानवता की भावना के चलते केवल 12 घंटे में एक 8 वर्षीय गुमशुदा बच्ची को सुरक्षित रूप से खोजकर उसके परिवार को सौंपा गया।
जानकारी के अनुसार, दनकौर क्षेत्र का एक व्यक्ति 16 अक्टूबर को थाने आया और बताया कि उसकी 8 वर्षीय पुत्री, जो उसकी बहन के पास खेरली हाफिजपुर में रह रही थी, अचानक बिना किसी सूचना के गायब हो गई है। परिजनों ने उसकी तलाश में काफी प्रयास किए, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला। मामला गंभीर होने के कारण, थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई आरंभ की।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर मिशन शक्ति टीम, क्राइम डिटेक्शन टीम और स्थानीय पुलिस को मिलाकर एक विशेष टीम का गठन किया गया। बच्ची की खोज के लिए सोशल मीडिया, सीसीटीवी फुटेज और क्षेत्रीय नेटवर्क का प्रभावी उपयोग किया गया। पुलिस टीम ने लगातार प्रयास जारी रखा और लगभग 12 घंटे की मेहनत के बाद बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद क्षेत्र से बच्ची को सुरक्षित बरामद किया।
बच्ची को थाने लाने के बाद मिशन शक्ति टीम ने उसकी काउंसलिंग की। साथ ही परिवार को भी भावनात्मक मार्गदर्शन दिया गया, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए वे सजग रहें।
यह उल्लेखनीय है कि चलाए जा रहे मिशन शक्ति कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं, बालिकाओं और छात्राओं को अपराध और अपराधियों से निपटने, आसपास के लोगों को सूचित करने और साइबर धोखाधड़ी जैसे मामलों से अवगत कराया जा रहा है।