क्या मिजोरम में एनसीबी-सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में ड्रग सिंडिकेट के किंगपिन समेत 8 गिरफ्तार हुए?

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क्या मिजोरम में एनसीबी-सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में ड्रग सिंडिकेट के किंगपिन समेत 8 गिरफ्तार हुए?

सारांश

मिजोरम में एनसीबी और सीआरपीएफ ने एक संयुक्त ऑपरेशन में 5.9 किलो मेथ बरामद की और आठ ड्रग तस्करों को पकड़ा। इस कार्रवाई में किंगपिन जबूरूल हक भी शामिल हैं। क्या यह गिरफ्तारी उत्तर-पूर्वी भारत में ड्रग तस्करी पर अंकुश लगाने में मदद करेगी?

Key Takeaways

  • 5.9 किलो मेथ जब्त की गई है।
  • किंगपिन जबूरूल हक समेत 8 तस्कर गिरफ्तार हुए।
  • उत्तर-पूर्वी भारत में ड्रग्स के खिलाफ प्रयास जारी हैं।
  • जिला स्तर पर जोनल यूनिट्स खोली गई हैं।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एनसीबी-सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में मिजोरम के आइजोल के निकट 5.9 किलो मेथ की एक बड़ी खेप बरामद की गई। इस कार्यवाही के दौरान एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें प्रमुख जबुरूल हक भी शामिल है। यह जानकारी एक अधिकारी ने गुरुवार को दी।

नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी ने कहा कि असम के करीमगंज निवासी हक को अन्य व्यक्तियों के साथ बुधवार को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि हक एक आदतन नार्को-ट्रैफिकर है, जिसके खिलाफ पहले से ही तीन ड्रग ट्रैफिकिंग के मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक त्रिपुरा के धर्मनगर पुलिस स्टेशन में है, जहां वह जमानत पर था।

बयान में कहा गया है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ड्रग्स को चंफाई के पास भारत-म्यांमार सीमा के पार स्मगल किया गया और इसे बांग्लादेश में आगे भेजने के लिए सोनामुरा, त्रिपुरा ले जाया गया था।

पिछले 15 दिनों में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में एनसीबी द्वारा किसी ड्रग तस्कर की यह दूसरी महत्वपूर्ण गिरफ्तारी है।

एनसीबी ने 20 नवंबर को गुवाहाटी में अबू सालेह मोहम्मद सैफुद्दीन उर्फ मिटू को गिरफ्तार किया था, जो इस क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का सदस्य है। उसके खिलाफ भी कई ड्रग ट्रैफिकिंग के मामले हैं।

बयान में कहा गया कि राज्य अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय, वास्तविक समय की इंटेलिजेंस साझा करने और एनसीबी की ऑपरेशनल एफिशिएंसी के लिए गुवाहाटी में एक नया क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया गया है।

बयान में आगे कहा गया है कि ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश), सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) और अगरतला (त्रिपुरा) में नई जोनल यूनिट्स खोली गई हैं। आइजोल (मिजोरम) और दीमापुर (नागालैंड) में फील्ड ऑफिस बनाए गए हैं।

जनवरी 2024 में अगरतला जोनल यूनिट बनने और इस साल फरवरी से फील्ड ऑफिस आइजोल शुरू होने के बाद मिजोरम में एनसीबी की पहुँच काफी बढ़ गई है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले दो वर्षों में 256 किलो मेथ और 2.2 किलो हेरोइन जब्त की गई हैं। साथ ही, 13 एनडीपीएस मामलों में 46 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

एनसीबी, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और राज्य पुलिस के बीच सहयोग में वृद्धि से उत्तर-पूर्वी राज्यों में इंडो-म्यांमार सीमा से तस्करी की जा रही मेथ और हेरोइन की बड़ी मात्रा बरामद की गई है।

बयान में कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के प्रयासों में समन्वय बनाने के लिए एनसीबी ने 13-14 नवंबर को दीमापुर में दो दिवसीय क्षेत्रीय एएनटीएफ सम्मेलन आयोजित किया था।

एनसीबी ने मणिपुर, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा में राज्य स्तर की संयुक्त समन्वय समिति की बैठकें भी की हैं ताकि इन राज्यों में ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ गहरी जांच के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर की एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाया जा सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मिजोरम में एनसीबी और सीआरपीएफ की कार्रवाई ने ड्रग तस्करी के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है। यह गिरफ्तारी न केवल स्थानीय कानून-व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में भी इसका व्यापक प्रभाव है। हमें इन प्रयासों का समर्थन करना चाहिए ताकि हम अपने समाज को सुरक्षित रख सकें।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

एनसीबी और सीआरपीएफ का संयुक्त ऑपरेशन क्या था?
यह एक सुरक्षा अभियान था जिसमें मिजोरम के आइजोल के पास 5.9 किलो मेथ की खेप जब्त की गई और आठ ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
किंगपिन जबूरूल हक के खिलाफ कितने मामले हैं?
जबूरूल हक के खिलाफ पहले से ही तीन ड्रग ट्रैफिकिंग के मामले दर्ज हैं।
इस ऑपरेशन का महत्व क्या है?
यह ऑपरेशन उत्तर-पूर्वी भारत में ड्रग तस्करी को रोकने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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