क्या 8 में से 1 व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है? इन सरल आदतों को अपनाकर पाएं छुटकारा

सारांश
Key Takeaways
- प्रतिदिन योग और प्राणायाम का अभ्यास करें।
- ताजा और संतुलित आहार का सेवन करें।
- गर्म हर्बल पानी पिएं।
- पंचकर्म थेरेपी अपनाएं।
- तेल का उपयोग 10 प्रतिशत कम करें।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान समय में हमारी व्यस्त जीवनशैली बढ़ते मोटापे की समस्या के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। इसीलिए, दुनिया में 8 में से 1 व्यक्ति मोटापे का शिकार है। मोटापा न केवल वजन बढ़ाने से जुड़ा है, बल्कि इससे कई शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से प्रभावित है। भारत में स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही हर तीन में से एक भारतीय मोटापे का शिकार हो सकता है।
इस बढ़ते स्वास्थ्य संकट का सामना करने के लिए भारत सरकार का आयुष मंत्रालय प्रभावी और शोध-आधारित उपायों की सिफारिश कर रहा है। मंत्रालय ने लोगों से आयुर्वेद, योग और पंचकर्म जैसे प्राकृतिक तरीकों को अपनाने की सलाह दी है, जिससे वे एक स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारों से रसोई में तेल के उपयोग को 10 प्रतिशत कम करने का अनुरोध किया है, ताकि मोटापे के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत की जा सके। आयुष मंत्रालय इस पहल का समर्थन करते हुए आहार, योग और पंचकर्म जैसे आयुर्वेदिक उपायों को बढ़ावा दे रहा है, जो मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और वजन प्रबंधन में सहायक साबित हुए हैं।
मंत्रालय ने इस अभियान में शामिल होने और स्वस्थ भारत की दिशा में योगदान देने की अपील की है। आयुष मंत्रालय ने मोटापे से निपटने के लिए कुछ सरल और प्रभावी सुझाव साझा किए हैं। पहला, प्रतिदिन योग और प्राणायाम का अभ्यास करें, जो शरीर को लचीला बनाता है और तनाव को कम करता है। दूसरा, ताजा, गर्म और संतुलित भोजन का सेवन करें, जबकि तले हुए और प्रोसेस्ड फूड से बचें। तीसरा, गर्म हर्बल पानी का सेवन करें, जो पाचन में सुधार करता है। चौथा, मेटाबॉलिक को बढ़ाने के लिए पंचकर्म थेरेपी अपनाएं, जो शरीर को डिटॉक्स कर गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है।
ये उपाय न केवल मोटापे को नियंत्रित करने में सहायक हैं, बल्कि स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं। आयुष मंत्रालय का कहना है कि ये शोध-आधारित समाधान भारतीय परंपराओं और आधुनिक विज्ञान का संगम हैं।