क्या मुख्तार अब्बास नकवी ने महागठबंधन पर निशाना साधा? बिहार अब सामंती सियासत को स्वीकार नहीं करेगा!

सारांश
Key Takeaways
- मुख्तार अब्बास नकवी ने महागठबंधन को सामंती सियासत कहा।
- बिहार की जनता अब इस तरह की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी।
- चुनाव में फर्जी मतदाताओं का खत्म होना जरूरी है।
- रोजगार के अवसर पिछले 11 वर्षों में बढ़े हैं।
- नकवी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी बयान दिया।
नई दिल्ली, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार में महागठबंधन की बैठक बुलाने को सामंती सियासत का नाम दिया। उन्होंने कहा, "सामंती सुल्तानों के सत्तालोलुप सूरमा सत्ता की होड़ में चरम पर हैं।"
नकवी ने आगे कहा, "ये लोग भय और भ्रम का माहौल बनाकर सत्ता हासिल करना चाहते हैं, लेकिन बिहार और देश की जनता अब ऐसी सामंती सियासत को स्वीकार नहीं करेगी। आज सियासत पैराशूट से नहीं, बल्कि पगडंडी पर चलकर होती है और विपक्ष की पारिवारिक विरासत वाली राजनीति का कोई भविष्य नहीं है।"
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) पर नकवी ने कहा, "चुनाव आयोग ने 14 प्रतिशत सत्यापन का काम पूरा किया है, जो स्वागत योग्य है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत यह प्रक्रिया निष्पक्ष है। हर पात्र मतदाता को मताधिकार मिलना चाहिए, लेकिन फर्जी मतदाताओं का मकड़जाल खत्म करना भी जरूरी है।"
उन्होंने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह उनकी सत्ता की भूख का परिणाम है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर कांग्रेस की आलोचना पर नकवी ने तंज कसा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस बिल्ली के भाग से छींका टूटने की प्रतीक्षा में है। उनकी गलतफहमी बढ़ती जा रही है। जनता और देश पर भरोसा करने के बजाय वे खुशफहमी में जी रहे हैं।"
नकवी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी प्रतीक्षा सूची ओवरफ्लो हो रही है, लेकिन जनता उनकी सियासत को नकार चुकी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के ऑपरेशन सिंदूर पर बयान का समर्थन करते हुए नकवी ने कहा, "हमारी सेना ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। डोभाल ने सही कहा कि यह ऑपरेशन ऐतिहासिक था। कुछ लोग अपनी सेना और सरकार पर भरोसा करने के बजाय पाकिस्तान और भारत विरोधी ताकतों के दुष्प्रचार में फंस रहे हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 51,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे जाने पर नकवी ने कहा, "पिछले 11 वर्षों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर रही, जो बड़ी उपलब्धि है। रोजगार मेला इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"