क्या शिवसेना (यूबीटी) ने शरद पवार के आरोपों को सही माना?

सारांश
Key Takeaways
- शरद पवार ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए।
- आनंद दुबे ने उनका समर्थन किया।
- मुख्य चुनाव आयुक्त के इस्तीफे की मांग की गई।
- राजनीतिक माहौल गर्माया।
- जनता और विपक्ष को एकजुट रहने की आवश्यकता है।
मुंबई, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी (सपा) के नेता शरद पवार द्वारा चुनाव आयोग की मंशा पर उठाए गए सवालों का शिवसेना (यूबीटी) ने समर्थन किया है। पार्टी प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि शरद पवार ने अगर कोई मुद्दा उठाया है तो यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त के इस्तीफे की मांग की है।
आनंद दुबे ने कहा कि शरद पवार कोई साधारण नेता नहीं हैं; वे देश के कृषि मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यदि उन्होंने चुनाव में धांधली की बात कही है, तो यह एक गंभीर मुद्दा है। राहुल गांधी के सवाल के बाद ही पवार ने इसे उठाया, जबकि वे पहले भी कर सकते थे। उन्होंने बताया कि उनके पास भी दो लोग आए थे।
दुबे ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए ज्ञानेश कुमार का इस्तीफा और योग्य व्यक्ति की नियुक्ति की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग चोरी कर सीनाजोरी और शोर मचा रहे हैं, लेकिन जनता और विपक्ष इसका डटकर सामना करेंगे।
बता दें, चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोपों के बीच शरद पवार ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। एनसीपी-एससीपी प्रमुख ने कहा, "मुझे याद है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले, दो लोग दिल्ली में मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने मुझसे कहा कि महाराष्ट्र की 288 सीटों में से हम आपको 160 सीटों की गारंटी देते हैं। मैं हैरान था, सच कहूं तो मुझे चुनाव आयोग पर कोई शक नहीं था।"
आनंद दुबे ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उनकी ओर से कहा गया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमान मार गिराए थे। दुबे ने कहा कि सेना पर कोई सवाल नहीं उठ सकता, हमारी तीनों सेनाएं (जल, थल और वायु) बहुत जांबाज हैं और पाकिस्तान को पहले भी मुंहतोड़ जवाब दे चुकी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विमान गिरने वाले बयान पर विपक्ष ने सवाल किए, लेकिन जब हमारे एयर मार्शल ने पुष्टि कर दी, तो बात खत्म हो गई। देश से बड़ा कोई धर्म नहीं, और संकट के समय पूरा देश एकजुट खड़ा रहता है। सरकार से सवाल पूछना अलग है, पर पाकिस्तान के खिलाफ कोई सवाल नहीं उठता। भाजपा चालाकी से विपक्ष को देशद्रोही बताने का माहौल बनाना चाहती है।