क्या मुख्यमंत्री योगी ने बूथ को रणभूमि और एसआईआर को हथियार बताया? फर्जी मतदाताओं के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान

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क्या मुख्यमंत्री योगी ने बूथ को रणभूमि और एसआईआर को हथियार बताया? फर्जी मतदाताओं के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी चुनाव को बूथ स्तर पर लड़ने का विचार व्यक्त किया है। उन्होंने एसआईआर को प्रमुख हथियार मानते हुए कार्यकर्ताओं को फर्जी वोटरों के खिलाफ सख्त निर्देश दिए हैं। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक में क्या-क्या बातें हुईं।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री योगी ने एसआईआर को चुनावी प्रक्रिया का मुख्य हथियार बताया।
  • बूथ स्तर पर चुनाव लड़ने की रणनीति पर जोर दिया गया।
  • फर्जी मतदाताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
  • उत्तर प्रदेश की जनसंख्या और मतदाता सूची में बड़ा गैप है।
  • मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को चुनावी मेहनत करने की सलाह दी।

लखनऊ, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि भाजपा नेतृत्व के अनुसार आगामी चुनाव बूथ स्तर पर लड़ा जाएगा और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) इसकी मुख्य धुरी है।

नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं को चेताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधियों में शक्ति नहीं है, लेकिन उनके छद्म और छल का सामना करने के लिए कार्यकर्ताओं में उतना ही शौर्य और साहस होना चाहिए। रविवार को संगठन पर्व के तहत प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्य निर्वाचन समारोह में यह बातें कही गईं।

मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को बताया कि काशी कॉरिडोर का निर्माण, नैमिषारण्य सहित अन्य तीर्थ स्थलों का कायाकल्प और अयोध्या में भव्य राम मंदिर, ये सभी बदले हुए उत्तर प्रदेश की पहचान हैं। पहले प्रदेश में बिजली नहीं आती थी क्योंकि डकैती अंधेरे में ही की जा सकती थी, लेकिन अब रोस्टर के अनुसार बिजली की आपूर्ति हो रही है।

एसआईआर को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं की क्षमता पर संदेह नहीं है, लेकिन कई बार उदारता के कारण लापरवाही हो जाती है। एसआईआर के दौरान जब पूछा जाता है तो अक्सर जवाब मिलता है कि हमारे यहां काम हो गया है जबकि हकीकत कुछ और होती है। एक जिले में तो विरोधियों ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम तक मतदाता सूची में दर्ज करवा दिए हैं।

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर बूथ से फर्जी नामों पर आपत्ति दर्ज कराई जाए और जो वास्तविक मतदाता सूची से छूट गए हैं, उनके नाम हर हाल में जोड़े जाएं। बताया गया कि यूपी की आबादी लगभग 25 करोड़ है, इस हिसाब से लगभग 16 करोड़ मतदाता होने चाहिए, लेकिन एसआईआर के बाद सूची में केवल 12 करोड़ नाम सामने आए हैं। यानी चार करोड़ मतदाताओं का गैप है, जिनमें 85 से 90 प्रतिशत भाजपा के संभावित मतदाता हैं। कार्यकर्ताओं के पास केवल 12 दिन हैं और याद रखें—चुनावी लड़ाई बूथ पर ही जीती जाती है।

उन्होंने कहा कि चुनाव की तीन-चौथाई मेहनत अभी करनी है। यदि यह मेहनत कर ली गई, तो चुनाव में एक-चौथाई प्रयास से ही तीन-चौथाई सीटें जीती जा सकती हैं। हर बूथ पर फॉर्म नंबर-6 भरवाने में कोई कोताही न बरती जाए, क्योंकि बूथ की मेहनत ही परिणाम लाती है।

मुख्यमंत्री योगी ने नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी का स्वागत करते हुए चुनाव प्रक्रिया को निर्विवाद रूप से संपन्न कराने के लिए डॉ. महेंद्रनाथ पांडे का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अनुभवी कार्यकर्ता को जिम्मेदारी मिलने से सरकार और संगठन मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश’ के संकल्प को पूरा करेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि आज पूरी दुनिया का नजरिया भारत और भारतवासियों के प्रति बदला है। जो देश कभी भारत को नजरअंदाज करते थे, अब वही भारत को वैश्विक नेतृत्व के रूप में देख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जो परिवर्तन हुआ है, वह डबल इंजन सरकार और एक-एक कार्यकर्ता की ताकत का परिणाम है। आज यूपी दंगा, माफिया और अपराध मुक्त होकर पर्यटन और निवेश का बड़ा केंद्र बन चुका है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में पौने नौ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है, 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं धरातल पर उतरी हैं और यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में 11 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है।

Point of View

जहां बूथ स्तर पर चुनाव की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम भाजपा की चुनावी रणनीति को मजबूत करने की दिशा में है। यह देखना रोचक होगा कि कैसे कार्यकर्ता इस दिशा में कदम उठाते हैं और चुनाव परिणाम पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

मुख्यमंत्री योगी ने बूथ स्तर पर चुनाव की बात क्यों की?
मुख्यमंत्री योगी ने बूथ स्तर पर चुनाव की बात इसलिए की ताकि भाजपा की स्थिति मजबूत हो सके और फर्जी मतदाताओं के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।
एसआईआर का क्या महत्व है?
एसआईआर का महत्व इसलिए है क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया में वास्तविक मतदाताओं की पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
क्या यूपी में फर्जी मतदाता हैं?
हाँ, मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ जिलों में फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए गए हैं।
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