क्या मुंबई पुलिस ने जेजे अस्पताल से भागी बांग्लादेशी महिला कैदी को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- रुबीना इरशाद शेख की गिरफ्तारी ने सुरक्षा चूक को उजागर किया।
- पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच की।
- भागने के पीछे किसी बाहरी मदद की संभावनाएं जांची जा रही हैं।
- महिला कैदी का अस्पताल से भागना एक गंभीर मामला है।
- पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली घटना।
मुंबई, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस ने 21 वर्षीय बांग्लादेशी महिला कैदी को एक बार फिर से गिरफ्तार कर लिया है, जो इलाज के दौरान जेजे अस्पताल से भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गई थी। महिला का नाम रुबीना इरशाद शेख है, जिसे नवी मुंबई पुलिस ने भारत में अवैध रूप से रहने के आरोप में पकड़ा था।
रुबीना को भायखला जेल में रखा गया था। 14 अगस्त को सुबह करीब 11 बजे उसे इलाज के लिए मुंबई के जेजे अस्पताल लाया गया था, क्योंकि वह बीमार थी और कथित तौर पर गर्भवती भी थी। लेकिन, अस्पताल में इलाज के दौरान, उसने मौका पाकर भाग जाने में सफलता प्राप्त की। इस घटना के बाद जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और त्वरित जांच शुरू की गई।
पुलिस की टीम ने लगातार तीन दिनों तक सीसीटीवी फुटेज की जांच की और रुबीना के पुराने ठिकानों की जानकारी जुटाई। जांच में पता चला कि भागने के बाद रुबीना ने अपना ठिकाना बदल लिया था और एक नए स्थान पर छिपकर रह रही थी, जिससे पुलिस को उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा था।
हालांकि, पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि रुबीना नवी मुंबई के तलवली इलाके के नवघर अली रोड में कहीं छिपी हुई है। इसके बाद पुलिस ने 17 अगस्त की शाम को रुबीना को फिर से गिरफ्तार कर लिया।
अब पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या रुबीना को जेजे अस्पताल से भागने में किसी बाहरी व्यक्ति की मदद मिली थी या नहीं। इस एंगल से पूछताछ और जांच की जा रही है।
मुंबई पुलिस का कहना है कि एक महिला कैदी का जेल से इलाज के लिए अस्पताल लाना और फिर वहां से उसका फरार हो जाना एक गंभीर मामला है। इसलिए इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है।