क्या हुमायूं कबीर से कुछ उम्मीद की जा सकती है? एसपी सिंह बघेल का जवाब

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क्या हुमायूं कबीर से कुछ उम्मीद की जा सकती है? एसपी सिंह बघेल का जवाब

सारांश

टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के निलंबन के बाद, केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने बाबर और कबीर के नाम पर तीखे बयान दिए हैं। उन्होंने कबीर के नाम पर उठाए गए सवालों और धार्मिक भावनाओं को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। जानिए बघेल का क्या कहना है इस मामले पर।

Key Takeaways

  • हुमायूं कबीर का निलंबन राजनीतिक बयानों का हिस्सा है।
  • एसपी सिंह बघेल ने कबीर के नाम पर तंज कसा है।
  • धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक उपयोग चिंताजनक है।
  • राज्य सरकार को कबीर के खिलाफ ठोस कदम उठाने चाहिए।

नोएडा, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के पार्टी से निलंबन के बाद से राजनीतिक बयानबाजी ने जोर पकड़ा है। इसी संदर्भ में, केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कबीर के नाम पर तंज कसते हुए कहा, "जब कोई हुमायूं हो, अर्थात बाबर का बेटा, तो उससे क्या उम्मीद की जा सकती है? लेकिन कोई भी राष्ट्रवादी बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण स्वीकार नहीं करेगा।"

बघेल का मानना है कि बाबर का व्यक्तित्व उचित नहीं था और वह न ही भारत के प्रति सकारात्मक था। उन्होंने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि 1526 की पानीपत की लड़ाई में बाबर ने जीत हासिल की, लेकिन 1527 की खानवा की लड़ाई में, जहां बाबर और राणा सांगा आमने-सामने आए, बड़ी संख्या में हिंदू सैनिक मारे गए और राणा सांगा गंभीर रूप से घायल हुए। उनके अनुसार, यह इतिहास किसी भी राष्ट्रवादी को बाबर या उसके नाम से बनी किसी भी संरचना को स्वीकार नहीं करने देगा।

इसके बाद, उन्होंने हुमायूं कबीर पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद जैसी संरचना बनाने की घोषणा करके कबीर ने सनातन धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उनके अनुसार, बाबर द्वारा राम जन्मभूमि पर मस्जिद बनवाना स्वयं एक गलत कार्य था और उसके नाम पर नई मस्जिद बनाने की कोशिश किसी भी राष्ट्रवादी के लिए स्वीकार्य नहीं होगी।

बघेल का कहना है कि संभवतः कबीर को इस बात का अंदाजा नहीं है कि उनकी घोषणा से देशभर में लाखों लोगों की धार्मिक भावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि कबीर ऐसा निर्माण करना चाहते हैं, तो यह पूरी तरह से राज्य सरकार का विषय है और राज्य सरकार को उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

टीएमसी पहले ही कबीर को निलंबित कर चुकी है, लेकिन उनकी घोषणा और अब बघेल की टिप्पणी ने पूरे मुद्दे को और संवेदनशील बना दिया है। एक ओर, कबीर यह दावा कर चुके हैं कि वह मस्जिद बनाने के लिए जान देने को भी तैयार हैं, वहीं दूसरी ओर, राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर राजनीतिक बयानबाजी तेजी से बढ़ रही है।

Point of View

बल्कि समाज में भी विभाजन का कारण बन सकती है। सही और गलत के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या हुमायूं कबीर का निलंबन राजनीतिक है?
जी हां, हुमायूं कबीर का निलंबन राजनीतिक मुद्दों के चलते हुआ है।
एसपी सिंह बघेल ने कबीर के बारे में क्या कहा?
बघेल ने कहा कि हुमायूं नाम से उम्मीद नहीं की जा सकती और किसी भी राष्ट्रवादी को बाबर के नाम से मस्जिद निर्माण स्वीकार नहीं है।
क्या राजनीति में धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल होता है?
हां, अक्सर राजनीति में धार्मिक भावनाओं का उपयोग किया जाता है, जिससे समाज में तनाव बढ़ सकता है।
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