क्या मुजफ्फरनगर में कांवड़ खंडित करने पर तनाव उत्पन्न हुआ? आरोपी गिरफ्तार!

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है।
- पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रित किया।
- स्वामी यशवीर महाराज ने घटना की घोर निंदा की।
- आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया गया।
- सामाजिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
मुजफ्फरनगर, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी कस्बे में एक युवक पर कांवड़ पर थूकने की अफवाह फैलने के बाद स्थिति में तनाव उत्पन्न हो गया। इस घटना के प्रति आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने समझदारी से स्थिति को संभाला और हरिद्वार से नई पवित्र कांवड़ मंगवाकर श्रद्धालुओं को दी।
दिल्ली की निवासिनी श्रावक मुस्कान 'भोली' अपने भाई अंशुल शर्मा और अन्य भक्तों के साथ हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा पर निकली थीं। सोमवार को जैसे ही यह टोली पुरकाजी कस्बे के नगर पंचायत कार्यालय के पास पहुँची, एक युवक ने कथित तौर पर अंशुल की कांवड़ पर थूक दिया। इससे कांवड़ खंडित हो गई और श्रद्धालुओं ने विरोध शुरू कर दिया।
कांवड़ियों ने मार्ग अवरुद्ध कर दिया और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। मुस्कान ने कहा कि पहले आरोपी ने एक कलश पर थूका, फिर दूसरे पर। जब वे विरोध करने लगे तो कहा गया कि कांवड़ खंडित नहीं हुई, उस पर दोबारा गंगाजल डालकर यात्रा जारी रखें। लेकिन जब कांवड़िए अड़ गए, तो पुलिस ने हरिद्वार से नई पवित्र कांवड़ मंगवाकर उन्हें दी।
स्वामी यशवीर महाराज ने इस घटना पर कड़ा रोष व्यक्त करते हुए इसे 'जिहादी मानसिकता' की करतूत बताया। उन्होंने कहा कि एक श्रद्धालु पर थूकना एक अत्यंत निंदनीय कृत्य है। हमने तुरंत पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, ऐसी घटनाएँ बार-बार हो रही हैं, जिन पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की गई। आरोपी की पहचान कर उसे गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी मूक-बधिर है, लेकिन इसकी पुष्टि मेडिकल जांच के बाद होगी। पुलिस ने उसे न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया है और आगे की जांच जारी है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे शिव भक्तों की भावनाओं का सम्मान करें और कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण बनाने में प्रशासन का सहयोग करें।
कांवड़िए अंशुल शर्मा ने कहा कि हम योगी जी की सरकार में भरोसा रखते हैं, लेकिन जब ऐसी घटनाएँ होती हैं तो सवाल उठता है। अगर यह अखिलेश की सरकार होती तो स्थिति और भी खराब होती। ऐसे व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई और कांवड़ खंडित न कर सके।