क्या यूपी में शासन किसका है? सीएम योगी का सबक जो पीढ़ियों को याद रहेगा

सारांश
Key Takeaways
- योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट संदेश कि राज्य में शासन किसका है।
- बरेली में व्यवस्था को रोकने का प्रयास असफल रहेगा।
- उत्तर प्रदेश का विकास निवेश के माध्यम से हो रहा है।
- जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
- भविष्य की पीढ़ियों के लिए सबक सिखाने की प्रतिबद्धता।
लखनऊ, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में हुए हालिया बवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उस समय कुछ लोग यह भूल गए थे कि राज्य का शासन किसका है। उन्होंने कहा था कि धमकी देंगे कि हम शहर को जाम कर देंगे। हमने यह स्पष्ट किया कि न तो जाम होगा और न ही कर्फ्यू लगेगा। बल्कि, हम ऐसा सबक सिखाएंगे कि आने वाली पीढ़ियां इसे याद रखेंगी।
मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को लखनऊ में 'विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047' कार्यक्रम में कहा कि बरेली में एक मौलाना भूल गया था कि राज्य में सत्ता किसकी है। उसे लगा कि वह जब चाहे व्यवस्था को रोक सकता है, लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया कि न तो नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू। जो सबक हमने सिखाया है, उससे भविष्य में दंगाइयों को दो बार सोचना पड़ेगा। यह व्यवस्था को रोकने का ग़लत तरीका है। 2017 से पहले यूपी में यही चलता था, लेकिन 2017 के बाद हमने कर्फ्यू तक नहीं लगने दिया। उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी यहीं से शुरू होती है।
उन्होंने आगे कहा कि दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था। पहले, सरकारें हर जिले में एक माफिया को स्थापित करती थीं। लेकिन, अब हम वन जिला वन मेडिकल कॉलेज और वन जिला वन प्रोडक्ट की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। 15 लाख करोड़ का निवेश जमीन पर उतर चुका है। नवंबर में हम 5 लाख करोड़ का और निवेश लाने की योजना बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने वाले लोगों के लिए मैंने बुलडोजर का उपयोग किया है।