क्या नदिया में बीएसएफ और पुलिस के बीच झड़प हुई थी?
सारांश
Key Takeaways
- गलतफहमी की वजह से झड़प की खबरें फैलीं।
- बीएसएफ और पुलिस का सहयोग महत्वपूर्ण है।
- सीमा पर सुरक्षा बनाए रखना प्राथमिकता है।
- मीडिया को सत्यापन के बिना खबरें नहीं फैलानी चाहिए।
- जनता को आश्वस्त रहना चाहिए कि सब कुछ सामान्य है।
कोलकाता, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने यह स्पष्ट किया है कि पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में बीएसएफ और पुलिस के बीच होने वाली कथित झड़प की खबरें निराधार हैं। विभिन्न मीडिया चैनलों और समाचार पत्रों ने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, लेकिन असलियत में यह केवल एक छोटी-सी गलतफहमी थी, जिसे दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्परता से सुलझा लिया।
बीएसएफ के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह घटना सीमा क्षेत्र में सामान्य ड्यूटी के दौरान हुई। कोई भी मारपीट, गोलीबारी या बड़ा विवाद नहीं हुआ। दोनों बलों के जवान हमेशा की तरह समानांतर काम कर रहे थे। जब गलतफहमी उत्पन्न हुई, तो वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत बातचीत की और मामले को समाप्त कर दिया।
बीएसएफ ने जोर देकर कहा कि वे और राज्य पुलिस सदियों से कंधे से कंधा मिलाकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं। सीमा पर तस्करी और घुसपैठ को रोकना और कानून-व्यवस्था बनाए रखना दोनों का एक ही लक्ष्य है। ऐसे में किसी भी प्रकार की अनबन की खबरें न केवल आधारहीन हैं बल्कि राष्ट्रहित के खिलाफ भी हैं।
नदिया जिला बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ है। यहाँ बीएसएफ और पुलिस की संयुक्त टीमें दिन-रात गश्त करती हैं। हाल के दिनों में तस्करी की कई प्रयासों को नाकाम किया गया है। दोनों बलों के आपसी तालमेल के कारण ही यह क्षेत्र शांतिपूर्ण है।
अथवा, बीएसएफ ने मीडिया से अनुरोध किया है कि बिना पुष्टि की गई ऐसी खबरें न चलाएं, जो सुरक्षा बलों की एकता को कमजोर कर सकती हैं। गलत सूचना से दुश्मन देशों को लाभ हो सकता है। बल ने कहा कि जनता को विश्वास रखना चाहिए कि सीमा पर सब कुछ सामान्य और सुरक्षित है।
पुलिस अधीक्षक (नदिया) ने भी पुष्टि की कि कोई झड़प नहीं हुई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की सराहना की और आगे भी सहयोग जारी रखने का संकल्प लिया। बीएसएफ ने स्पष्ट किया कि यह प्रेस विज्ञप्ति उन सभी गलत खबरों का खंडन करती है जो सोशल मीडिया पर फैल रही थीं।