क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस नगरोटा सीट से चुनाव लड़ेगी? कांग्रेस का भाजपा को हराने का फैसला

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए नगरोटा सीट को नेशनल कॉन्फ्रेंस को सौंपा।
- नगरोटा सीट पर मतदान 11 नवंबर को होगा।
- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, जिनमें से 2 खाली हैं।
श्रीनगर, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भाजपा को हराने के लिए नगरोटा विधानसभा सीट अपने सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए छोड़ने का निर्णय लिया है। यह जानकारी जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने दी।
शर्मा ने बताया कि इस निर्णय के पीछे जेकेपीसीसी की रिपोर्ट पर गहन विचार-विमर्श और विभिन्न कारकों का ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि जिन तथ्यों पर विचार किया गया, उनमें 2024 के पिछले विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों के गठबंधन और नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा उक्त निर्वाचन क्षेत्र में दूसरे स्थान पर आने का परिणाम शामिल है।
रविंदर शर्मा ने आगे कहा कि गठबंधन के व्यापक मानदंडों और सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने उपचुनाव में नगरोटा सीट को अपने सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए छोड़ने का निर्णय लिया है।
यह उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की कुल 90 सीटों में से वर्तमान में दो बडगाम और नगरोटा खाली हैं। इनमें से एक सीट उस विधायक द्वारा खाली की गई है जिसने दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव जीते थे, जबकि दूसरी सीट नगरोटा के भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण खाली हुई है। इन दोनों सीटों पर उपचुनाव के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा।
रविंदर शर्मा ने बताया कि 2024 के चुनाव में नगरोटा में नेशनल कॉन्फ्रेंस दूसरे स्थान पर रही थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए और भाजपा को हराने के व्यापक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस को इस सीट से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया गया है।
इसके अतिरिक्त, चार राज्यसभा सीटों के लिए 24 अक्टूबर को चुनाव होना है। जेकेपीसीसी के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने राज्यसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस से मतभेद की बात को खारिज किया है।
जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अक्टूबर में चुनाव परिणाम आए थे, जिसमें जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस को 42 सीटें, भाजपा को 29 सीटें, कांग्रेस को 6 और पीडीपी को 3 सीटें मिली थीं। बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई थी।