क्या नेशनल हेराल्ड केस में आरोपियों को एफआईआर की कॉपी मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- नेशनल हेराल्ड मामला राजनीतिक हलचल का केंद्र है।
- दिल्ली पुलिस ने एफआईआर की कॉपी देने के आदेश को चुनौती दी है।
- सुनवाई अब मंगलवार को होगी।
- इस मामले में कई प्रमुख कांग्रेस नेता शामिल हैं।
- ईडी ने संपत्तियों को जब्त किया है।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों की समस्याएं एक बार फिर बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की कॉपी आरोपियों को देने के मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर सोमवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई टल गई। इस मामले में कोर्ट मंगलवार को अपना निर्णय सुनाएगी।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 3 अक्टूबर को नेशनल हेराल्ड केस से संबंधित एक नई एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड और अन्य को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपियों ने इसकी कॉपी उपलब्ध कराने की मांग की थी।
नेशनल हेराल्ड केस पहले से ही राजनीतिक हलचल का केंद्र बना हुआ है। ऐसे में सबकी नजरें अब मंगलवार को आने वाले कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जब कोर्ट यह स्पष्ट करेगी कि आरोपियों को नई एफआईआर की कॉपी दी जाएगी या नहीं।
आपको बता दें कि नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसका प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा किया जाता था। आर्थिक संकट के कारण 2008 में अखबार बंद कर दिया गया, जिसके बाद विवाद की शुरुआत हुई। साल 2010 में 'यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह खुलासा हुआ कि यंग इंडिया ने 50 लाख रुपए में एजेएल की करीब 2,000 करोड़ रुपए की संपत्तियां हासिल कीं, जबकि उनकी बाजार कीमत कहीं अधिक थी।
नवंबर 2023 में ईडी ने कार्रवाई करते हुए लगभग 661 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां और 90.2 करोड़ रुपए के एजेएल शेयर जब्त किए थे, जिन्हें अपराध की आय माना गया है।