क्या नेशनल हेराल्ड मामले में कानून बड़े लोगों तक पहुंच सकता है?
Key Takeaways
- कानून की पहुंच सभी तक है।
- नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं।
- भाजपा ने आरक्षण व्यवस्था को बनाए रखने का संकल्प लिया है।
- राजनीति में एकता की आवश्यकता है।
- कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।
रांची, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हेराल्ड मामले में एक नई एफआईआर दर्ज होने से राजनीतिक हलचलें बढ़ गई हैं। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने सोमवार को कहा कि चाहे लोग कितने भी बड़े हों, कानून के लंबे हाथ उन तक अवश्य पहुंचेंगे।
नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर एफआईआर होने पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा, "यह एक ऐसा मामला है जिसमें स्पष्ट रूप से दिखता है कि कांग्रेस ने घोटाले के द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के मेहनत से कमाए पैसों को भी नहीं छोड़ा। जिस समय नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित होता था, उस समय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने पेट काटकर इस अखबार का गठन किया था।"
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस ने केवल पांच लाख रुपए में यंग इंडिया के माध्यम से शेयर खरीद लिए। उस समय नेशनल हेराल्ड की संपत्ति का मूल्य 5,000 करोड़ रुपये था। यंग इंडिया के सभी ट्रस्टी या तो गांधी परिवार के सदस्य थे या उनके करीबी लोग। अब कानून अपना शिकंजा कस रहा है। इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, और अदालत को इस पर फैसला लेना है। दूसरी एफआईआर यह दर्शाती है कि चाहे लोग कितने भी बड़े हों, कानून के लंबे हाथ उन तक अवश्य पहुंचेंगे।"
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य के जातीय आरक्षण समाप्त करने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "भाजपा का स्पष्ट मत है कि देश में जो आरक्षण प्रणाली लागू है, जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को सुरक्षा प्रदान की गई है, वह बनी रहेगी। सदियों तक पिछड़ा समुदाय सताया गया है, और सरकार सामाजिक न्याय देने के लिए आवश्यक उपाय कर रही है। किसी व्यक्ति विशेष की टिप्पणी पर कुछ नहीं कहना। सरकार का मानना है कि आरक्षण व्यवस्था जारी रहेगी। पिछड़ों, एससी-एसटी और EWS समुदाय के आरक्षण को और मजबूत किया जाएगा।"
कांग्रेस नेता शशि थरूर के हालिया बयान पर प्रतुल शाह देव ने कहा, "शशि थरूर कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं, जिनमें सच बोलने का हौसला है। जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हैं, तो कांग्रेस को दुख होता है। कांग्रेस यह भूल जाती है कि नरेंद्र मोदी भाजपा के नेता होने के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री भी हैं। शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा था। इस पर भी कांग्रेस को बुरा लगा था। यह पार्टी की संकीर्ण सोच को दर्शाता है। जब देश में संकट होता है, उस समय पक्ष और विपक्ष को एकजुट होकर बोलना चाहिए। राहुल गांधी जब विदेशों में जाकर देशविरोधी बातें करते हैं, तो यह अक्षम्य है।"