क्या कांग्रेस ने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को सर्वपल्ली राधाकृष्णन के आदर्शों की याद दिलाई?

सारांश
Key Takeaways
- सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुने गए।
- जयराम रमेश ने डॉ. राधाकृष्णन के विचारों को याद किया।
- 452 वोटों के साथ चुनाव में विजय प्राप्त की।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सीपी राधाकृष्णन को मंगलवार को देश का नया उपराष्ट्रपति चुना गया, जो राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी भी निभाएंगे। इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
जयराम रमेश ने इस अवसर पर देश के पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के पहले सभापति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के आदर्शों को याद करते हुए कहा है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को शुभकामनाएं देते हुए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रेरक शब्दों को स्मरण करती है।"
उन्होंने डॉ. राधाकृष्णन के 16 मई, 1952 को राज्यसभा के उद्घाटन सत्र में दिए गए ऐतिहासिक भाषण का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था, "मैं किसी एक दल का नहीं हूं, और इसका अर्थ यह है कि मैं इस सदन के हर दल का हूं। मेरा प्रयास संसदीय लोकतंत्र की सर्वोच्च परंपराओं को बनाए रखना होगा और प्रत्येक दल के प्रति पूर्ण निष्पक्षता और समानता के साथ कार्य करना होगा।"
जयराम रमेश ने आगे लिखा, "डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन में इन बातों को अक्षरशः और भावना, दोनों ही अर्थों में पूरी तरह आत्मसात किया।"
यह ध्यान देने योग्य है कि सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव में सत्ताधारी एनडीए के उम्मीदवार थे। कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों के 'इंडिया' ब्लॉक ने बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना कैंडिडेट बनाया था। हालाँकि, मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोटों के साथ विजय प्राप्त की है।