क्या एमएमसी जोन के नक्सली 1 जनवरी को हथियारबंद संघर्ष विराम की घोषणा करेंगे?

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क्या एमएमसी जोन के नक्सली 1 जनवरी को हथियारबंद संघर्ष विराम की घोषणा करेंगे?

सारांश

एक महत्वपूर्ण घोषणा में, एमएमसी जोन के नक्सलियों ने 1 जनवरी 2026 को हथियारबंद संघर्ष विराम की योजना बनाई है। क्या यह योजना सफल होगी? जानें इस विशेष रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • नक्सलियों ने 1 जनवरी 2026 को संघर्ष विराम की योजना बनाई है।
  • मुख्यधारा में लौटने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय।
  • सरकारों से सहयोग की अपील की गई है।
  • गिरफ्तारी और मुठभेड़ों पर रोक लगाने का अनुरोध।
  • संपर्क स्थापित करने के लिए 435.715 मेगाहर्ट्ज की ओपन फ्रीक्वेंसी घोषित की गई है।

नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय भाकपा (माओवादी) के एमएमसी जोन से जुड़े नक्सलियों ने एक नया बयान जारी करके सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। जोन के प्रवक्ता अनंत ने प्रेस नोट और विस्तृत पत्र के माध्यम से यह घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 को संगठन से जुड़े नक्सली हथियारबंद संघर्ष विराम की घोषणा करेंगे और एक साथ मुख्यधारा में लौटने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

अनंत ने कहा कि वे किसी भी नक्सली साथी को व्यक्तिगत समर्पण नहीं करने देंगे। उन्होंने आगे कहा, "हम समर्पण नहीं करेंगे, बल्कि ‘पुनर-मागम’ (मुख्यधारा में पुनः शामिल होना) स्वीकार करेंगे।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नक्सलियों की ओर से समर्पण की प्रक्रिया एक साथ होगी, टुकड़ों में नहीं।

माओवादी संगठन का यह पत्र महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों को संबोधित है। पत्र में कहा गया है कि यदि तीनों राज्य सरकारें सहयोग करें तो यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से पूरी हो सकती है।

पत्र में नक्सली नेतृत्व ने तीनों राज्यों की सरकारों से अनुरोध किया है कि 1 जनवरी 2026 तक सुरक्षा बलों के सभी अभियान पूरी तरह रोके जाएं, जोन के भीतर किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी, मुठभेड़ या हिंसक कार्रवाई न की जाए, ताकि समर्पण की प्रक्रिया बाधित न हो।

अनंत ने कहा कि वे आने वाले एक महीने में जोनभर में फैले अपने सभी साथियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश करेंगे। पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और 10 से 15 दिनों का समय पर्याप्त बताया है, लेकिन माओवादी नेतृत्व ने तर्क दिया कि एक महीने की तय तारीख (1 जनवरी 2026) से कोई समझौता नहीं होगा। वहीं, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सरकारों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर संगठन ने निराशा जताई है।

नक्सल प्रवक्ता ने आपसी संपर्क के लिए 435.715 मेगाहर्ट्ज की ओपन फ्रीक्वेंसी घोषित करते हुए कहा कि अगले एक महीने तक हर दिन सुबह 11 बजे से 11:15 बजे के बीच जोन में फैले सभी नक्सली इससे संपर्क कर सकेंगे। उन्होंने अपने साथियों से अपील की है कि वे आवेश में आकर कोई गलत कदम न उठाएं। प्रवक्ता ने तीनों राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि उनका संदेश अगले दो दिनों तक रेडियो पर प्रसारित किया जाए और उनकी ओर से जारी होने वाले ऑडियो संदेश को अगले 10 दिनों तक शाम के समाचार से पहले चलाया जाए।

Point of View

यह घोषणा नक्सलियों और सरकार के बीच वार्ता की संभावनाओं को उजागर करती है। शांति की इस प्रक्रिया में सभी पक्षों को सहयोग करना आवश्यक है। सरकारों को नक्सलियों के साथ संवाद स्थापित करके इस स्थिति को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

नक्सलियों का संघर्ष विराम कब है?
नक्सलियों ने 1 जनवरी 2026 को हथियारबंद संघर्ष विराम की घोषणा करने की योजना बनाई है।
नक्सली सरकारों से क्या चाहते हैं?
नक्सली चाहते हैं कि तीनों राज्य सरकारें सुरक्षा बलों के अभियान रोके और शांति प्रक्रिया को सुनिश्चित करें।
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